सिंह मोड़ में अपूर पाठशाला, बांग्ला भाषा को सहेजने में जुटा आपनजोन बंगाली संगठन
हर रविवार नियमित कक्षाएं
अपूर पाठशाला प्रत्येक रविवार सुबह आठ से 10 बजे तक संचालित की जाती है. इस दौरान बच्चों को पढ़ने-लिखने के साथ-साथ बांग्ला बोलना भी सिखाया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया पूर्णत: नि:शुल्क है और किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. इस प्रयास से आसपास के इलाकों के बच्चे, युवक और बुजुर्ग बड़े उत्साह से जुड़ रहे हैं. संगठन के अध्यक्ष आरसी सरकार और सचिव जगत ज्योति रॉय ने बताया कि वे अपनी 150 सदस्यीय टीम के साथ इस अभियान को सतत आगे बढ़ा रहे हैं. इस प्रयास से आसपास के बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी बड़ी रुचि से जुड़ रहे हैं. लोगों में बांग्ला भाषा सीखने के प्रति उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है. पाठशाला में कार्यरत शिक्षिकाएं भी पूरी निष्ठा के साथ निःशुल्क सेवा दे रही हैं, जो इस कार्य को और अधिक प्रभावशाली बना रही हैं.बांग्ला भाषा की शिक्षिकाओं का समर्पण प्रशंसनीय
भाषा सीखने को लेकर समुदाय में उत्साह
सक्रिय सदस्य भजन कर्मकार ने बताया कि यह प्रयास न केवल भाषा को जीवित रखने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक पहचान को भी सुदृढ़ करता है. वर्तमान में 15 से अधिक बच्चे और बुजुर्ग पाठशाला से लाभान्वित हो रहे हैं. वहीं, रोड नंबर दो सिंह मोड़ की निवासी सुप्रिया रॉय ने कहा कि मैं एक गृहिणी हूं और अपूर पाठशाला के माध्यम से बांग्ला सीख रही हूं. नि:शुल्क भाषा सीखने का यह अवसर हमारे लिए गर्व की बात है. विकास नगर नेपाली कॉलोनी के छात्र सुदीप बार, जो कक्षा आठवीं में पढ़ते हैं, ने बताया कि पाठशाला से मुझे काफी कुछ सीखने को मिल रहा है. यहां किताबें और अन्य सामग्री भी मुफ्त दी जाती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
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