अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाया झारखंड, संताली भाषा को दिलाई संवैधानिक मान्यता
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज देश भर में 100वीं जयंती मनाई गई. अलग झारखंड राज्य का गठन करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री को झारखंड ने भी याद किया.
By Mithilesh Jha | December 25, 2024 5:28 PM
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: झारखंड राज्य का गठन करने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को झारखंड ने अलग अंदाज में याद किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर तमाम दलों के नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी. झारखंड प्रदेश भाजपा ने जन्मशताब्दी वर्ष पर प्रदेश कार्यालय में प्रदर्शनी का आयोजन किया. जयपाल सिंह स्टेडियम के पास अटल वेंडर मार्केट में अटल जी को श्रद्धांजलि दी गई. विधानसभा परिसर में भी अटल जी को याद किया गया. झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. हेमंत सोरेन ने लिखा, ‘देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर शत-शत नमन.’
देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर शत-शत नमन।
अटल जी की जयंती को सुशासन दवस के रूप में मनाती है भाजपा
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी अटल जी को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा, 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती को सुशासन दिवस मनाया जाता है. उनकी वजह से ही झारखंड राज्य अस्तित्व में आया. सन् 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी चुनावी सभा को संबोधित करने दुमका आए थे. इसमें अटल जी ने कहा था, ‘आप मेरी सरकार बनवाएं. मैं आपको अलग राज्य का तोहफा दूंगा.’
5 दशक से चल रहे आंदोलन को अटल जी ने दिया सम्मान – चंपाई
चंपाई सोरेन ने आगे लिखा, ‘लोकसभा के चुनाव में भाजपा की सरकार बनी. अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने. 15 नवंबर 2000 को उन्होंने अलग झारखंड के लिए चलने वाले 5 दशक पुराने आंदोलन को सम्मान दिया और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर अलग राज्य अस्तित्व में आया.’
‘कांग्रेस-राजद सरकार ने अलग झारखंड राज्य का किया था विरोध’
चंपाई सोरेन ने आगे लिखा कि बिहार की तत्कालीन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के विरोध के बावजूद 15 नवंबर 2000 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिया. उनसे पहले की कांग्रेस की सरकारों के रवैये को देखते हुए कह सकते हैं कि अगर केंद्र में अटल जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार नहीं होती, तो शायद हमें इस राज्य के लिए न जाने और कितने दशकों तक संघर्ष करना पड़ता.
ओल चिकी लिपि को अटलजी ने दिलाई मान्यता : चंपाई सोरेन
चंपाई सोरेन ने यह भी कहा है कि कई दशकों तक संताल आदिवासी समाज के लोग संताली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए प्रयास करते रहे. इसके लिए कई बार आंदोलन हुए. उस दौर की कांग्रेस की सरकारों ने कभी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया. कांग्रेस की सरकारें संतालियों की मांगों को नकारती रही. अटल जी की सरकार ने वर्ष 2003 में संताली भाषा (ओल चिकी लिपि) को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिलाया.
‘वाजपेयी सरकार ने आदिवासियों के लिए शुरू की परियोजनाएं’
चंपाई सोरेन ने कहा कि वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र में सरकार बनी, तब भारत में पहली बार जनजातीय मंत्रालय का गठन किया गया. इससे देश में आदिवासियों का विकास तीव्र गति से होने लगा. उन्होंने कहा कि झारखंड और जमशेदपुर से अटल जी का गहरा नाता था. अटलजी ने कई बार झारखंड की यात्रा की. हर बार उनको सुनने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ती थी. उन्होंने झारखंड राज्य के लिए कई योजनाएं शुरू कीं.
आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रहे घुसपैठिये : चंपाई सोरेन
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के विकास के लिए अटल जी का अलग विजन था. झारखंड और झारखंड के आदिवासियों के लिए उनकी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की, लेकिन आज यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है. नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं. आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है. घुसपैठिये हमारी भूमि पर कब्जा कर रहे हैं.
अटल जी के सपनों को साकार कर रही नरेंद्र मोदी सरकार
उन्होंने कहा कि अटल जी के रास्ते पर चलते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को साकार कर रही है. पिछले वर्ष आदिवासियों के कल्याण के लिए पीएम जनमन योजना की शुरुआत हुई. झारखंड के हर कोने में बन रहे 88 एकलव्य मॉडल विद्यालय आदिवासियों को शिक्षित एवं सशक्त बनाने के उनके सपने को पूरा करेंगे.
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