गुमला में घर भी रह गया अधूरा
आशा किरण बारला और फ्लोरेंस बारला ये दोनों बहने अंतरराष्ट्रीय स्तर की एथलीट हैं और गुमला के कामदा ब्लॉक के नवाडीह गांव की रहने वाली हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन दोनों खिलाड़ियों की पहचान है. लेकिन ये आज भी पुराने मिट्टी के घर में रहने को मजबूर है, जहां शौचालय तक नहीं है. वहीं पक्का घर बनाने के लिये सरकार की ओर से डेढ़ लाख रूपये इंदिरा आवास के लिये दिये गये थे, लेकिन पक्का घर भी आज तक पूरा नहीं हो पाया.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने पर भी नहीं मिला कैश अवार्ड
आशा किरण बारला ने 2022 जनवरी में साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद रांची लौटने पर इस खिलाड़ी को सम्मान स्वरूप केवल एक लाख रूपये मिले, जबकि इस गेम्स के लिये तीन लाख रूपये मिलने थे. इसके पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के बाद पिछले तीन वर्ष में एक बार भी कैश अवार्ड नहीं दिया गया और स्कॉलरशिप भी. जबकि आशा लगातार तीन साल से दोनों के लिये आवेदन दे रही है.
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क्या कहता है खेल निदेशालय
कैश अवार्ड देने की तैयारी चल रही है. इसका प्रोसेस भी किया जा रहा है, जिससे समय पर खिलाड़ियों को उनका हक मिल सके.
-सरोजनी लकड़ा, खेल निदेशक