Azadi Ka Amrit Mahotsav: रांची के स्वतंत्रता सेनानी पांडेय बीरेश्वरनाथ राय की उम्र जब साढ़े 18 साल की थी, तब वह स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे. उस समय वह इंटर के छात्र थे. आजादी की लड़ाई में वह दो बार जेल भी गये. हजारीबाग जेल से वह 1943 में रिहा हुए थे. देश के प्रति कुछ कर गुजरने का जुनून ही था कि वह रामगढ़ में आहूत कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने साइकिल पर रांची से रामगढ़ चले गये थे. वह मूल रूप से भंडरा (अब लोहरदगा जिला) के रहनेवाले थे. स्वतंत्रता सेनानी पांडेय बीरेश्वर नाथ राय का जन्म 12 दिसंबर 1923 को और निधन 2 अगस्त 1985 को हुआ था. देश की आजादी के बाद स्वतंत्रता सेनानी पांडेय बीरेश्वरनाथ राय ने रांची के बालकृष्णा उच्च विद्यालय में शिक्षक के रूप में अपनी सेवा दी. लोग उन्हें मोहन बाबू के नाम से भी जानते थे.
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