BAU बने किसानों के तकनीकी सशक्तिकरण का केंद्र, बोलीं कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की

BAU News: बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि क्लाइमेट रेसिलियंट और बायो फोर्टीफाइड फसल प्रभेदों का विकास तथा कृषि पद्धति में बागवानी और पशुपालन का समावेश करते हुए उसे वैविध्यपूर्ण बनाना विश्वविद्यालय का प्रमुख भावी कार्यक्रम है. उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों, वैज्ञानिकों तथा अन्य कर्मियों के बड़ी संख्या में रिक्त पदों तथा शिक्षकेतर कर्मियों के लिए एसीपी/ एमएसीपी लागू करने की ओर भी मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया.

By Mithilesh Jha | June 26, 2025 7:00 PM
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BAU News: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा है कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) को झारखंड के किसानों के सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी सुदृढ़ीकरण का केंद्र बनना चाहिए. उनका दुख-दर्द कम करने की दिशा में भी काम करना चाहिए. बीएयू कृषि और संबद्ध विषयों में स्नातक और परास्नातक तैयार करने वाला कारखाना मात्र नहीं है. कृषि मंत्री गुरुवार 26 जून को बीएयू के 45वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहीं थीं.

वैज्ञानिक नियमित रूप से करें गांव का भ्रमण – मंत्री

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की समस्याओं के समाधान के लिए उनका विभाग प्रयासरत है. विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए शिक्षकों, विद्यार्थियों, राज्य सरकार और राजभवन को मिलकर समर्पित प्रयास करना होगा. प्रौद्योगिकी प्रसार के लिए वैज्ञानिकों को नियमित रूप से गांव का भ्रमण करना चाहिए, क्योंकि उनकी प्रवृत्ति के अनुरूप ही छात्र-छात्राओं में भी सोच विकसित होगी.

शिल्पी नेहा तिर्की ने विद्यार्थियों से पूछे सवाल

उन्होंने कई विद्यार्थियों से पूछा कि वह कृषि, पशुपालन जैसे विषय पढ़ने के लिए क्यों आये हैं. मंत्री ने सलाह दी कि जब वे नौकरी में आ जायें, तो अपने समय और संसाधन का कुछ अंश समाज के लिए भी अर्पित करें. इसके पूर्व मंत्री ने कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के भवन का उद्घाटन किया. बीएयू की वार्षिक रिपोर्ट का लोकार्पण किया और राज्य के विभिन्न जिलों से आये 5 नवोन्मेषी किसानों को सम्मानित किया.

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कुलपति ने रिक्त पदों की ओर मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया

अतिथियों का स्वागत करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि क्लाइमेट रेसिलियंट और बायो फोर्टीफाइड फसल प्रभेदों का विकास तथा कृषि पद्धति में बागवानी और पशुपालन का समावेश करते हुए उसे वैविध्यपूर्ण बनाना विश्वविद्यालय का प्रमुख भावी कार्यक्रम है. उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों, वैज्ञानिकों तथा अन्य कर्मियों के बड़ी संख्या में रिक्त पदों तथा शिक्षकेतर कर्मियों के लिए एसीपी/ एमएसीपी लागू करने की ओर भी मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया.

इन लोगों को किया गया सम्मानित

उत्कृष्ट एकेडमिक प्रदर्शन और सर्वाधिक ओजीपीए प्राप्त करने के लिए जिन लोगों को सम्मानित किया गया, उनके नाम और संस्थान का नाम इस प्रकार है :-

  • इशिता और अभिषेक कुमार पाठक (कृषि महाविद्यालय, गढ़वा)
  • अंबिका राज (रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय)
  • कुमारी काजल (मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय, गुमला)
  • लक्ष्मी कुमारी (वानिकी महाविद्यालय, रांची)

84 साल से अधिक उम्र के रिटायर्ड कर्मी भी हुए सम्मानित

84 वर्ष से अधिक उम्र के 6 अवकाशप्राप्त कर्मियों को संस्थान के प्रति उनके लाइफटाइम योगदान के लिए सम्मानित किया गया. इनमें पशु पोषण विभाग के अध्यक्ष डॉ ज्योतींद्र प्रसाद श्रीवास्तव, मिट्टी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ कृष्णा प्रसाद सिंह एवं डॉ रामदेव प्रसाद गुप्त तथा शिक्षकेतर कर्मी बिनोद बिहारी सिन्हा, रामानंदी प्रसाद सिंह तथा कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव शामिल हैं.

निबंध प्रतियोगिता का भी हुआ आयोजन

शिक्षकों के लिए ‘नयी शिक्षा नीति’ विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में वेटरनरी कॉलेज की डॉ नंदनी कुमारी को प्रथम तथा कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय की वंदना चौबे को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ. यूजी विद्यार्थियों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में ईशा श्रीवास्तव को प्रथम, चंदन कुमार यादव के द्वितीय तथा पीजी विद्यार्थियों के लिए आयोजित प्रतियोगिता में स्मिता शालिनी कुल्लू को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ. शिक्षकेतर कर्मियों के लिए हुई निबंध प्रतियोगिता में अखिलेश कुमार को प्रथम तथा भारती कुमारी को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया.

किसानों को भी मिला सम्मान

कृषि क्षेत्र की बेहतरी में विशिष्ट योगदान करने वाले कई किसानों को भी सम्मानित कया गया. किन-किन लोगों को सम्मानित किया गया, उसकी सूची इस प्रकार है :-

  • संगीता कुमारी (बोकारो)
  • सीताराम दांगी (चतरा)
  • तरुणा मुर्मू (गिरिडीह)
  • दीपक कुमार (पाकुड़)
  • गोपाल भगत (रांची)

कार्यक्रम में ये लोग भी थे शामिल

कार्यक्रम का संचालन शशि सिंह ने किया. आयोजन में कृषि अधिष्ठाता डॉ डीके शाही तथा निदेशक छात्र कल्याण डॉ बीके अग्रवाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इस अवसर पर कांके के विधायक सुरेश कुमार बैठा तथा भारतीय कृषि जैवप्रौद्योगिकी संस्थान, रांची के निदेशक डॉ सुजय रक्षित भी उपस्थित थे.

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