पिपरवार. सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ के क्षेत्रीय कार्यालय, बचरा में बुधवार को भारतीय मजदूर संघ का स्थापना दिवस मनाया गया. मुकेश कुमार ने झंडोत्तोलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की. सदस्यों ने बारी-बारी से संस्थापक दंतोपंत ठेंगड़ी, भारत माता व भगवान विश्वकर्मा को पुष्पांजलि दी. इस अवसर पर अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष एसके चौधरी ने कार्यकर्ताओं को बताया कि बीएमएस अपनी राष्ट्रीय विचारधारा की वजह से आज देश का नंबर वन श्रम संगठन है. आज से 70 वर्ष पूर्व 1955 में चार समान विचारधारा के लोगों ने इसकी स्थापना की थी. उन्होंने वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध का जिक्र करते हुए बताया कि जब सभी ट्रेड यूनियनों ने आयुध कारखाने में हड़ताल कर दी थी, तब बीएमएस के सदस्यों ने रात दिन एक कर भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद का निर्माण किया था. उन्होंने अन्य ट्रेड यूनियनों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके सिद्धांत में है कि चाहे जो भी हो मजबूरी, लेकिन हमारी मांगे हो पूरी. मगर, बीएमएस मजदूर हित, उद्योग हित व राष्ट्र हित की बात करता है. कहा कि जब उद्योग रहेगा तभी तो मजदूर भी रहेंगे. श्री चौधरी ने पिछले दिनों संयुक्त मोर्चा की हड़ताल के औचित्य पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि जब मजदूरों का कोई मुद्दा था ही नहीं, तो हड़ताल क्यों किया? हड़ताल से उद्योग व देश कमजोर होता है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने चार लेबर कोड बनाये हैं. इनमें दो मजदूर हित में हैं. जिन्हें संयुक्त मोर्चा द्वारा नहीं बताया जाता है. कहा कि दो कोड अच्छा नहीं है. इस संबंध में बीएमएस का केंद्र सरकार के साथ बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग में काफी संख्या में मजदूरों की कमी हुई है. निजीकरण के लिए मशीनों को बंद कर दिया गया है. असंगठित मजदूरों को उनका उचित पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा है. इसलिए बीएमएस ने 17 सितंबर तक योजनाबद्ध तरीके से आंदोलन करने का निर्णय लिया है. कहा कि जरूरत पड़ी तो हड़ताल ही नहीं संसद भवन का भी घेराव किया जायेगा. इससे पूर्व भी कई वक्ताओं ने अपने संबोधन में बीएमएस के इतिहास की जानकारी दी. अध्यक्षता संजीव चंद्रा व संचालन दिलीप गोस्वामी ने की. मौके पर काफी संख्या में मजदूर उपस्थित थे.
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