झारखंड को कैंसरमुक्त बनाने के लिए सीएचओ, सहिया साथी और सहिया की ट्रेनिंग शुरू

Cancer Free Jharkhand Campaign: झारखंड को कैंसरमुक्त बनाने के लिए झारखंड में अभियान की शुरुआत की गयी है. इसके तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य पदाधिकारियों, सहिया साथी और सहियाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है.

By Mithilesh Jha | February 15, 2025 7:23 PM
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Cancer Free Jharkhand Campaign: झारखंड को कैंसरमुक्त बनाने का अभियान शुरू हो गया है. इसके तहत सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) के कर्मचारियों, सहिया साथियों और सहिया की ट्रेनिंग शुरू की गयी है. 14 फरवरी को रांची के सदर अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और मुंह के कैंसर (ओरल कैंसर) की व्यापक स्क्रीनिंग के लिए सीएचओ, सहिया साथी एवं साहियाओं को प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्रमवार तरीके से रांची जिले के 300 सीएचओ से जुड़ी 150 सहिया साथी एवं 3,000 साहिया को ट्रेनिंग दी जाएगी. इस अवसर पर वीमेन डॉक्टर्स विंग की डॉक्टरों ने कहा कि 9 से 45 वर्ष की महिलाओं के साथ साथ-साथ पुरुषों के लिए भी एचपीवी टीका जरूरी है. डॉक्टरों ने कहा कि यह टीका अप्राकृतिक शारीरिक संबंध से होने वाले मुंह, मलद्वार एवं लिंग के कैंसर से बचाता है.

सीएचओ के स्वास्थ्यकर्मियों को ‘वाया स्क्रीनिंग’ का प्रशिक्षण

इस अभियान के तहत 50 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को 10 ग्रुप में विभाजित करके वाया स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण दिया गया. वाया स्क्रीनिंग में गर्भाशय ग्रीवा पर 5 प्रतिशत एसिटिक एसिड लगाया जाता है. कैंसर के संदेहास्पद एरिया में उजले धब्बे नजर आते हैं. इसके बाद 200 साहियाओं एवं 50 सीएचओ को ब्रेस्ट एवं मुंह के कैंसर की जांच की विधि, उसके लक्षण और उससे बचाव की जानकारी दी गयी.

सीएस बोले- प्रशिक्षण से कोई मरीज एडवांस स्टेज में नहीं जायेगा

इस अवसर पर रांची के सिविल सर्जन ने कहा कि वीमेन डॉक्टर विंग के साथ उन्होंने खूंटी, रामगढ़, रांची में भी व्यापक रूप से सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन पर काम किया है. अब साथ मिलकर ओरल और ब्रेस्ट कैंसर पर भी काम कर रहे हैं, ताकि रांची जिले की सभी सहिया साथी, सहिया और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाएं. इसका फायदा यह होगा कि कोई भी मरीज कैंसर के एडवांस स्टेज में नहीं जायेगा.

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‘ट्रेनिंग का उद्देश्य जननांग के सूजन से पीड़ित महिलाओं की पहचान’

वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखंड की चेयरपर्सन डॉ भारती कश्यप ने कहा कि क्रमवार तरीके से चलाये जा रहे इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जननांग संबंधी सूजन से पीड़ित 100 प्रतिशत महिलाओं की पहचान और उनका इलाज करना है. यह तभी संभव है, जब पूरे राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात कर्मचारी और नर्स को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाये. उन्होंने कहा, ‘इसलिए पहले हमलोगों ने पूरे झारखंड की सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को दिल्ली, कोलकाता और अमेरिका की कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञों की मदद से चरणवार तरीके से प्रशिक्षण दिया गया. अब हम कम्युनिटी हेल्थ वर्कर यानी प्रशिक्षित नर्स और सहियाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं.’

2021 में वीमेन विंग और झारखंड सरकार ने बनाया ‘झारखंड मॉडल’

डॉ कश्यप ने कहा कि झारखंड सरकार और वीमेन डॉक्टर विंग ने वर्ष 2021 में ‘झारखंड मॉडल’ बनाया, ताकि 100 फीसदी महिलाओं की पहचान की जा सके. उन्होंने कहा कि झारखंड मॉडल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन नीति के तीसरे भाग का संशोधित रूप है. इसे विकासशील राज्यों के लिए बेहतरीन मॉडल माना गया है. इसके तहत प्रजनन क्षमता वाली 6 प्रतिशत ऐसी महिलाओं की स्क्रीनिंग सुनिश्चित की गयी है, जिनके जननांग में सूजन है या सर्वाइकल कैंसर की हाई रिस्क कैटेगरी में आती हैं. झारखंड मॉडल के तहत 4.70 लाख महिलाओं की जांच हो चुकी है.

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कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद

वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखंड की चेयरपर्सन डॉ भारती कश्यप के नेतृत्व में डॉ रश्मि प्रासाद, डॉ सोनल, डॉ मनीषा चौधरी, डॉ मेघना और डॉ सिम्मी महेश ने सहिया साथी एवं सहियाओं को प्रशिक्षित किया. मौके पर रांची सिविल सर्जन, डॉ प्रभात कुमार और हॉस्पिटल मैनेजर सुश्री जिरेन और डीपीएम प्रवीण कुमार मौजूद थे.

अलग-अलग कैंसर के खतरनाक लक्षण

  • मेनोपॉज के बाद की ब्लीडिंग और शारीरिक संबंध बनाने के बाद होने वाली ब्लीडिंग बहुत खतरनाक है. बदबूदार व्हाइट डिस्चार्ज का अगर तुरंत इलाज नहीं करायेंगे, तो जननांग का सूजन आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकता है.
  • ब्रेस्ट (स्तन) में दर्दरहित गांठ या स्तन के ऊपर सिकुड़ी हुई चमड़ी या निपल से किसी भी तरह का डिस्चार्ज खतरे का संकेत है. तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत है.
  • मुंह में अगर सफेद या लाल रंग का पैच है या ठीक नहीं होने वाला छाला है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जायें. मुंह के कैंसर में कानों में भी दर्द, मुंह के किसी हिस्से का बड़ा होना, खाना निगलने में तकलीफ, दांतों का कमजोर होना, आवाज में परिवर्तन हो सकता है.

कैंसर से बचने के उपाय

  • तम्बाकू, धूम्रपान एवं शराब का सेवन न करें.
  • सभी विवाहित अथवा यौन सक्रिय महिलाओं तथा प्रौढ़ महिलाओं को नियमित रूप से (विजुअल इंस्पेक्शन विद एसिटिक एसिड) या पैप स्मियर टेस्ट के द्वारा जांच करवाएं.
  • जननांग की स्वच्छता बनाये रखें.
  • स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं, उचित शारीरिक वजन को मेंटेन रखें, संतुलित आहार लें और नियमित चिकित्सीय जांच करवाते रहें.

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