रांची. झामुमो के महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि 10 जुलाई को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक है. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के राज्यों में बड़ी समानता है. डेमोग्राफी एक जैसी है. इन राज्यों की चाहत भी एक जैसी है. ये राज्य विकास के पैमाने पर पीछे हैं. ओड़िशा, बंगाल और झारखंड देश को दो-तिहाई से ज्यादा खनिज देते हैं. पिछले 10 वर्षों से इन पूर्वी राज्यों में वंचनाएं (अभाव या वंचित होने की स्थिति) बढ़ गयी हैं. खासकर झारखंड के आदिवासी, मूलवासी, अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हुआ है. राज्य की मांगें केंद्र सरकार पूरी करे. हमारा बकाया दिलाया जाये. यह याचना नहीं है, हम अपना हक मांग रहे हैं. श्री भट्टाचार्य मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आ रहे हैं. वह सहकारिता मंत्री भी हैं. बड़ा दिल दिखायें, पूरी संवेदना के साथ राज्य सरकार की मांगें पूरी करें. पिछले 10 वर्षों में झारखंड की जिस तरह उपेक्षा हुई, उसका ताजा उदाहरण एचइसी है. 2014 के बाद केंद्र से भारी उद्योग मंत्रालय से जुड़ा कोई मंत्री इसे देखने नहीं आया. झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे में सबसे ज्यादा राजस्व हम देते हैं. खनन में सबसे ज्यादा हमारी हिस्सेदारी है. केंद्र सरकार अभिभावक है, बीमार बच्चे पर अभिभावक स्नेह, प्यार दिखाता है. झारखंड में केंद्रीय अंशदान को घटाया गया है. मनरेगा में तीन वर्षों में कटौती की गयी है. एसटी-एससी, अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति बंद है. ग्रामीण विकास का बजट कम किया गया है. यहां के आदिवासी-मूलवासी, अल्पसंख्यकों पर ही प्रहार क्यों. हमें उम्मीद है कि केंद्रीय गृहमंत्री इस पर सार्थक पहल करेंगे. पूर्णिया की घटना पर श्री भट्टाचार्य ने कहा कि जहां भी भाजपा सत्ता में रहती है, वहां आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यकों की नृशंस हत्या होती है. बिहार में पूरी कानून व्यवस्था भाजपा चला रही है. पहले तो वोटर लिस्ट से लोगों को निकाला जा रहा है, अब वोटरों को ही मारा जा रहा है.
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