कोविड के कारण दो साल लटका रहा था प्रोजेक्ट
रांची के धुर्वा क्षेत्र स्थित कोर कैपिटल एरिया में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसी साल 29 जुलाई को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखी थी. 3.45 एकड़ में प्रस्तावित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के बनाने पर करीब 44 करोड़ 60 लाख रुपये खर्च होना है. वहां जी प्लस फाइव भवन का निर्माण किया जाना है. वर्ष 2019 में भारत सरकार ने अनुदान की पहली किस्त 9.80 करोड़ रुपये झारखंड को आवंटित किया था. लेकिन, उसके बाद कोविड संक्रमण की आशंका के कारण दो वर्ष लॉकडाउन की स्थिति रही. इसके अलावा अन्य कारणों से भी राशि होने के बावजूद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी. कोरोना संक्रमण की आशंका कम होने के बाद राज्य सरकार ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर तैयार करने की दिशा में तेजी से काम शुरू किया. काम का टेंडर फाइनल हो गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भवन की नींव रखी. लेकिन, शिलान्यास के एक महीने बाद ही भारत सरकार ने प्रोजेक्ट शुरू होने में विलंब की बात करते हुए रद्द करने का फैसला सुना दिया है.
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लोकल उत्पादों को विदेशी बाजार तक पहुंचाने की है योजना
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण का उद्देश्य देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हुए निर्यात को बढ़ावा देना है. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण का उद्देश्य हर तरह की सुविधा को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराना है. इसके जरिये लोकल उत्पादों को विदेशी बाजार उपलब्ध कराने का रोडमैप तैयार किया गया है.
रिपोर्ट: विवेक चंद्र, रांची