रांची. भाजपा नेता चंपाई सोरेन भी सरहुल के मौके पर हातमा सरना स्थल पर पहुंचे और पूजा में शामिल हुए. जगलाल पाहन ने उन्हें भी पूजा करायी. पूजा के बाद उनके और उपस्थित सभी लोगों के कानों में सरई फूल खोंसा गया. इसके बाद रीति-रिवाज के अनुसार पाहन के घर पर चंपाई सोरेन के पैर भी धोये गये. इस अवसर पर चंपाई सोरेन ने कहा कि हर किसी को सरहुल पर्व की शुभकामनाएं देता हूं. आज प्रकृति पूजा का दिन है. साल (सखुआ) पेड़ की पूजा की जाती है. हमारे पूर्वजों ने बहुत सोच समझ कर यह परंपरा बनायी है. साल का फूल ऐसा है, जिसे तोड़ लेने के बाद भी उसका रंग नहीं बदलता. साल भर के बाद भी वह सूखा मिलता है, लेकिन रंग में बदलाव नहीं आता.
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