चंपाई बड़े लीडर :
इससे पहले रांची से दिल्ली जाने से पूर्व असम के मुख्यमंत्री ने कहा : हम खुद चाहते हैं कि चंपाई सोरेन भाजपा में आयें और ताकत दें. वे बड़े लीडर हैं. उनके बारे में मुझे टिप्पणी करना अच्छा नहीं लगता है. पिछले पांच-छह माह से उनसे बात होती रही है. अब तक उनके साथ कोई भी राजनीतिक बात नहीं हुई है. पर मुझे लगता है कि अब समय आ गया है.
चंपाई सोरेन ने भी की पुष्टि
चंपाई सोरेन ने भी भाजपा में जाने की पुष्टि कर दी है. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी स्थिति 18 अगस्त को ही स्पष्ट कर दी थी. पहले मैंने सोचा था कि संन्यास ले लूंगा, लेकिन फिर जनता के समर्थन के कारण मैंने फैसला बदला. अब मैंने बीजेपी में जाने का फैसला कर लिया है.
झारखंड में घुसपैठियों से सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी समाज को
यह पूछने पर कि आपने कहा है कि जो राष्ट्र की बात करता है, उसके साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं? ऐसे में क्या भाजपा-झामुमो से तालमेल कर सकती है? इस पर श्री सरमा ने कहा : अगर सितंबर के पहले हेमंत सोरेन पांच लाख नौकरी देते हैं, तो हम उनके साथ हैं? अगर घुसपैठियों के खिलाफ वे खड़े होते हैं, तो हम उनके साथ हैं? अगर मुहर्रम के समय हिंदुओं के साथ होनेवाले व्यवहार के खिलाफ अगर वे खड़े हैं, तो हम उनके साथ हैं? हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है, भाजपा नहीं, लेकिन समस्या है कि झामुमो क्या करेगा? उन्होंने कहा कि झारखंड में घुसपैठियों का मुद्दा बड़ा है. इस मुद्दे पर झामुमो हमारा समर्थन करे. हम भी झामुमो का समर्थन करते हैं. हमें घुसपैठियों को झारखंड से बाहर निकालना है. झारखंड में आदिवासी समाज के लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान घुसपैठियों से हो रहा है.
चंपाई ने संकेत दे दिया था
एक सप्ताह पूर्व ही चंपाई सोरेन ने झामुमो छोड़ने का संकेत दे दिया था. वह दिल्ली गये थे. फिर दो दिनों बाद सरायकेला वापस आ गये. इस दौरान वह लगातार अपने समर्थक से मिलते रहे. रविवार को वह फिर कोलकाता चले गये और वहां से दोबारा दिल्ली गये. दिल्ली के होटल ताज में वह दिन भर रुके रहे. देर रात में हिमंता विश्व सरमा उन्हें अपनी गाड़ी में बिठा कर अमित शाह से मिलाने ले गये. करीब आधे घंटे तक अमित शाह के साथ उनकी बातचीत हुई. इसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने पर सहमति बनी.
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