यूटिलिटी शिफ्टिंग को लेकर दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने दोनों फ्लाईओवर के निर्माण के क्रम में यूटिलिटी शिफ्टिंग को लेकर भी अधिकारियों से जानकारी लेते हुए कई आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने इंजीनियर्स से कहा कि अगर फ्लाईओवर को लेकर किसी तरह की तकनीकी अड़चन आ रही है, तो उसका अविलंब समाधान निकाला जाए. उन्होंने कहा कि दोनों ही फ्लाईओवर का निर्माण तय समय तक हर हाल में हो जाना चाहिए.
फ्लाईओवर निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि कांटाटोली और सिरमटोली फ्लाईओवर निर्माण में आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना डाडेल और पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार मौजूद थे.
Also Read: झारखंड : वंदना दादेल बनीं मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव, 2 IAS अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग
224 करोड़ की लागत से बन रहा कांटाटोली फ्लाईओवर
बता दें कि रांची के कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण 224 करोड़ की लागत से हो रहा है. शुरुआत में इसके निर्माण को लेकर 40 करोड़ की डीपीआर बनी थी, लेकिन-लेकिन धीरे-धीरे इसकी लागत 224 करोड़ तक जा पहुंची.
337 करोड़ की लागत से सिरमटोली फ्लाईओवर का हो रहा निर्माण
वहीं, सिरमटोली फ्लाईओवर के निर्माण की लागत 337 करोड़ रुपये है. यह फ्लाईओवर सिरमटोली से राजेंद्र चौक होते हुए मेकन गोलचक्कर तक जाएगा. राजेंद्र चौक से होते हुए मेकन कॉलोनी तक चार लेन में इसका निर्माण होगा. वहीं, ब्रिज का एक हिस्सा राजेंद्र चौक से नेपाल हाउस की ओर उतरेगा. यह हिस्सा दो लेन का होगा. चार लेनवाले ब्रिज की लंबाई 1632 मीटर और दो लेन वाले की लंबाई 295 मीटर होगी.