रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने साहिबगंज में गंगा नदी में साहिबगंज से मनिहारी घाट तक नौका टेंडर मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुना. खंडपीठ ने मामले में 15 जनवरी के आदेश की अवहेलना करने पर कड़ी नाराजगी जताते साहिबगंज के अपर समाहर्ता गौतम भगत को अवमानना का दोषी माना. खंडपीठ ने अपर समाहर्ता पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए उनकी एसीआर में स्थायी रूप से इसकी इंट्री करने का निर्देश दिया. साथ ही अपर समाहर्ता के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू करने का भी खंडपीठ ने निर्देश दिया. गंगा नदी में साहिबगंज से मनिहारी घाट तक फेरी सेवा के संचालन के लिए नीलामी की प्रक्रिया पर रोक लगाये जाने के बावजूद अपर समाहर्ता की ओर से इसका फिर से विज्ञापन जारी किया गया था. आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कोर्ट ने अपर समाहर्ता को अवमानना का नोटिस जारी कर उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने खंडपीठ को बताया था कि साहिबगंज के अपर समाहर्ता ने हाइकोर्ट के 15 जनवरी के आदेश की अनदेखी कर चार मार्च को नया टेंडर जारी कर दिया है. इससे कोर्ट की अवमानना हो रही है. इस पर खंडपीठ ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए अपर समाहर्ता को नोटिस जारी किया था कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाये. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अंकुश राजहंस ने याचिका दायर की है. उन्होंने गंगा नदी नौका टेंडर को चुनौती दी है.
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