रांची. सदर अस्पताल में नयी अत्याधुनिक डिजिटल पेट (पाजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी) सीटी स्कैन मशीन लगेगी. इस मशीन के लगने से कैंसर मरीजों को काफी राहत मिलेगी. मशीन खरीदने के लिए स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से प्रक्रिया शुरू की जायेगी. लगभग 25 करोड़ रूपये की लागत से नयी डिजिटल पेट-सीटी स्कैन मशीन खरीदने के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू की जायेगी. यदि सब कुछ योजना के अनुरूप हुआ तो इस साल के अंत तक अस्पताल में यह मशीन लग जायेगी. सदर अस्पताल में उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में सदर अस्पताल प्रबंधन समिति, गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस निर्णय पर चर्चा के बाद मरीज हित में कई फैसले लिये गये. वैसे तो न्यूरो व हृदय रोग के मरीजों की जांच में भी यह तकनीक इस्तेमाल होती है, लेकिन नयी मशीन आने से कैंसर मरीजों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी. बैठक में सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार, उपाधीक्षक डॉ बिमलेश सिंह, आयुष्मान भारत के नोडल पदाधिकारी, चिकित्सा विशेषज्ञों, रोगी कल्याण समिति के सदस्य मौजूद थे.
पेट सीटी स्कैन जांच का शुल्क 18,000 से 24,000 रुपये
निजी डायग्नोस्टिक लैब में पूरे शरीर की पेट सीटी स्कैन जांच का शुल्क 18,000 से 24,000 रुपये है. कैंसर के मरीजों को हर तीन से छह माह पर यह जांच करानी पड़ती है. इस वजह से हर मरीज के लिए निजी लैब के जांच शुल्क का खर्च उठा पाना संभव नहीं होता. दूसरी ओर सरकारी क्षेत्र के अस्पतालों में इन सुविधाओं का अभाव है. इस कारण मरीजों को अक्सर इस जांच के लिए बाहरी राज्यों का रुख करना पड़ता है.
सदर में स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी की सुविधा मिलेगी
महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, सदर अस्पताल में मैमोग्राफी सेवाओं की शुरुआत का निर्णय लिया गया. मैमोग्राफी स्तन कैंसर की शुरुआती लक्षणों की पहचान में मदद करती है, जिससे उपचार की संभावना बढ़ जाती है. इसके लिए विशेष उपकरणों और प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता होती है.
24 घंटे काम करेगा रेडियोलॉजी विभाग
आपातकालीन चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए 24X7 रेडियोलॉजी सेवाएं, जिनमें अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे आदि शामिल हैं, शुरू करने का फैसला लिया गया है. यह कदम मरीजों को काफी राहत देगा.
ब्लॉक स्तर पर रक्त नमूना संग्रह
ब्लॉक स्तर पर रक्त नमूना संग्रह केंद्र स्थापित किये जाने पर विचार किया गया. इन केंद्रों से नमूने परीक्षण के लिए सदर अस्पताल, रांची भेजे जायेंगे. यह प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों के लिए जांच सुविधाओं को सुलभ बनायेगी.
प्रभात खबर में प्रकाशित समाचार का असर
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में गवर्निंग बॉडी की बैठक में रांची शहर में बढ़ रही डॉग बाइट की घटनाओं पर विस्तृत चर्चा की गयी. सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा गया कि रांची शहर में आवारा कुत्तों और घरेलू डॉग बाइट की घटनाएं सामने आ रही हैं. रेबीज की वैक्सीन सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने के साथ ही नगर निगम के सहयोग से कुत्तों की नेचुरिंग या स्पैइंग (नसबंदी) कराने पर जोर दिया जायेगा. अस्पतालों में सर्पदंश से बचने के लिए एंटीवेनम रखने के भी निर्देश दिये गये.
एक महीने में पहुंचते हैं 50 हजार मरीज
सदर अस्पताल की ओपीडी में एक महीने में करीब 50 हजार मरीज पहुंचते हैं. इनमें से करीब 13 हजार नये मरीज होते हैं व बाकी पुराने मरीज. मौजूदा समय में पिछले महीने 238 कैंसर मरीजों ने अस्पताल में अपना उपचार कराया.
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