खलारी. खलारी के करकट्टा एवं खिलानधौड़ा में कई वर्षों से पेयजल का बड़ा संकट है. लोग प्रतिदिन पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में वहां के लोग खिलानधौड़ा स्थित प्रसिद्ध 60 साल से ज्यादा पुराने चानक कुआं या दूर-दराज से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. वहीं इन दिनों पड़ रही गर्मी के कारण पानी की समस्या ज्यादा हो गयी है. जानकारी के अनुसार करकट्टा क्षेत्र में पेयजल के लिए एक भी डीप बोर की व्यवस्था नहीं है, जहां से लोग पीने के लिए पानी ला सकें. जिसके कारण लोग दूर-दराज से पेयजल की व्यवस्था में दिनभर लगे रहते हैं. हालांकि एक दशक पूर्व सीसीएल द्वारा करकट्टा बिजली घर सब-स्टेशन के नजदीक डीप बोर से पेयजल की व्यवस्था की गयी थी. परंतु पांच वर्ष बाद वो भी खराब हो गया. उसके बाद पुनः वहीं कुछ दूरी पर डीप बोर कर सबमर्सिबल डाला गया. वो भी तीन वर्ष बाद खराब हो गया. उसके बाद से अब तक वहां डीप बोर की व्यवस्था नहीं की गयी. करकट्टा-विश्रामपुर कॉलोनी एवं खिलानधौड़ा की आबादी व्यापक जल संकट से जूझ रही है. इस इलाकों के आसपास के जल स्रोत सूख गये हैं. दिन भर मशक्कत के बाद जहां-तहां से थोड़ा पेयजल की व्यवस्था हो पाती है, जिससे जिंदगी कट रही है. उल्लेखनीय है कि खलारी प्रखंड की आधी आबादी कोयले की खान से घिरी है. इस कारण वैसे इलाकों में लगभग चापानल और कुआं सफेद हाथी साबित हो रहा है. हालाकि इन इलाकों में पिछले वर्ष विधायक फंड से बोर किया गया, लेकिन कहीं का बोर सक्सेस नहीं किया. जिसका मुख्य कारण कोयले की खान नजदीक होना बताया जा रहा है. जानकार बताते हैं कि इस इलाकों में नॉर्मल बोर के जगह डीप बोर ही सक्सेस हो सकते हैं.
संबंधित खबर
और खबरें