रांची. 800 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाला में गिरफ्तार मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा, मोहित देवड़ा, अमित कुमार गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में शनिवार को रांची स्थित पीएमएलए के विशेष कोर्ट में इडी ने आरोप पत्र दायर किया. जांच के दौरान एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग से हुई आय की पहचान की और उसे कुर्क किया. इसमें 5.30 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियों के अलावा तलाशी के दौरान जब्त की गयी नौ लाख रुपये नकद और 63 लाख का बैंक बैलेंस शामिल हैं, जिन्हें फ्रीज कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने डीजीजीआइ, जमशेदपुर द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी धोखाधड़ी में शामिल एक सिंडिकेट के खिलाफ दायर कई शिकायतों के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की, जिसमें मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा और अमित अग्रवाल द्वारा संचालित एक अत्यधिक संगठित आपराधिक साजिश का पता चला. सिंडिकेट ने कई राज्यों में 135 फर्जी कंपनियों का जाल बनाया. इन फर्मों का इस्तेमाल बिना किसी वास्तविक सामग्री की आपूर्ति के 5000 करोड़ रुपये के फर्जी चालान जारी करने, धोखाधड़ी से 730 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) बनाने और पास करने के लिए किया गया. फिर इस फर्जी क्रेडिट को कमीशन के लिए विभिन्न लाभार्थियों को बेच दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. झारखंड और पश्चिम बंगाल में विभिन्न परिसरों में पीएमएलए के तहत कई शहरों में तलाशी ली गयी. एकत्र किये गये साक्ष्यों के आधार पर, सिंडिकेट के चार मास्टरमाइंड शिव कुमार देवड़ा, मोहित देवड़ा, अमित कुमार गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया को आठ मई 2025 को गिरफ्तार किया गया. चारों वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं. अपराध की आय का पूरा पता लगाने और धोखाधड़ी योजना के अन्य लाभार्थियों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है.
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