रांची. माकपा ने जन संघर्षों को पार्टी के संकल्पों में प्रमुखता से शामिल करने का निर्णय लिया है. राज्य सम्मेलन में चर्चा के बाद जनाधार का विस्तार कर एक वैकल्पिक जनपक्षीय राजनीति की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ने पर सहमति बनी. सम्मेलन का समापन भाषण देते हुए पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने झारखंड में पार्टी की स्वतंत्र शक्ति के विकास के लिए जन मुद्दों को लेकर आंदोलनों की एक शृंखला तैयार करने का आह्वान किया. इसी के साथ नामकुम में पिछले तीन दिनों से आयोजित आठवां झारखंड राज्य सम्मेलन शनिवार को संपन्न हो गया.
41 सदस्यीय नयी राज्य कमेटी का निर्वाचन
सम्मेलन में छह स्थायी आमंत्रित सदस्यों समेत 41 सदस्यीय नयी राज्य कमेटी का निर्वाचन किया गया. राज्य कमेटी ने अपनी पहली बैठक में प्रकाश विप्लव को दूसरी बार राज्य सचिव निर्वाचित किया. इसके बाद राज्य कमेटी ने सर्वसम्मति से 13 सदस्यीय सचिव मंडल का भी चुनाव किया. इसके अलावा तमिलनाडु के मदुरै में आयोजित पार्टी की 24वीं अखिल भारतीय कांग्रेस के लिए झारखंड से 10 प्रतिनिधियों का भी निर्वाचन किया गया. सम्मेलन में पेश किये गये राजनीतिक प्रस्ताव पर हुई चर्चा में 23 जिलों और विभिन्न मोर्चा से 78 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. प्रतिनिधियों के कुछ आवश्यक सुझावों को शामिल किये जाने के बाद सम्मेलन का राजनीतिक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. सम्मेलन में जनता के अधिकारों से जुड़े कुल 16 प्रस्ताव पारित किये गये.
माकपा की नवनिर्वाचित राज्य कमेटी
स्थायी आमंत्रित सदस्य :
रघुवीर मंडल, असगर आलम, सुमना लाहिड़ी, दिवाकर सिंह मुंडा, शंकर उरांव, गणेश कुमार सीटू.
विशेष आमंत्रित सदस्य :
कंट्रोल कमीशन :
रामचंद्र ठाकुर (चेयरमैन), प्रभु लाल और जया मजूमदार.
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