रांची. मोहर्रम की आठवीं तारीख पर शुक्रवार को अंजुम जाफरिया के तत्वावधान में हजरत अली के पुत्र हजरत अब्बास की शहादत की याद में अलम का मातमी जुलूस निकाला गया. जुलूस मस्जिद जाफरिया से निकलकर चर्च रोड, डॉक्टर फतेउल्लाह रोड होते हुए वापस मस्जिद जाफरिया लौटा. अलम का जुलूस जैसे ही मस्जिद जाफरिया से निकाला गया, “या अब्बास, हाय अब्बास” की सदा से इलाका गूंज उठा. जुलूस की अगुवाई मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने की. मौके पर अकीलुर्रहमान, मो इस्लाम, आदिल रशीद, सैयद निहाल अहमद, सागर कुमार, सोहेल सईद, तारीक अहमद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. इससे पूर्व मस्जिद जाफरिया में मजलिस इमामे हुसैन का आयोजन हुआ. इस मजलिस को हाजी मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने संबोधित किया. उन्होंने लश्कर-ए-हुसैनी के कमांडर हजरत अब्बास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इमामे हुसैन के मजबूत बाजू का नाम हजरत अब्बास था. हजरत अब्बास अपने पिता की तरह बड़े बहादुर थे. उनकी शहादत कर्बला में हुई. इसी याद में पूरी दुनिया में हजरत अब्बास का अलम निकाला जाता है.
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