यानी कि अगर किसी का बिजली बिल 100 रुपये आता है, तो उसे इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी समेत कुल 106 रुपये का भुगतान करना होगा. छह प्रतिशत की दर घरेलू, गैर घरेलू, एलटी, घरेलू एचटी, अस्थायी आपूर्ति, विज्ञापन, धार्मिक स्थान, प्रार्थना कक्ष के लिए निर्धारित की गयी है.
वहीं औद्योगिक एचटी, खनन व वाणिज्यिक एचटी उपभोक्ताओं जिनका लोड 10 एमवीए तक है, उन्हें आठ प्रतिशत और जिनका 10 एमवीए से अधिक है, उन्हें 15 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी देनी होगी. वहीं, सिंचाई एवं कृषि को कर मुक्त रखा गया है.
क्या है ग्रीन एनर्जी सेस
33 केवी या उससे अधिक वोल्टेज का इस्तेमाल कर रहे उपभोक्ताओं, कैप्टिव ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों पर भी 15 पैसे प्रति यूनिट की दर से ग्रीन एनर्जी सेस लगाया गया है. यह झारखंड में पहली बार लगाया गया है. अधिसूचना में यह भी लिखा गया है कि यदि कोई ग्रीन एनर्जी सेस के भुगतान में विलंब करता है, तो दो प्रतिशत की दर से जुर्माना भी लगाया जायेगा. इसके लिए सरकार हरित ऊर्जा निधि की स्थापना करेगी. इस निधि का उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने व राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए होगा.
15 लाख बकायेदारों की कटेगी बिजली
बिजली के 15 लाख बकायेदार चिह्नित किये गये हैं. इनमें घरेलू से लेकर औद्योगिक उपभोक्ता तक शामिल हैं. अब उनकी बिजली काटी जायेगी. जेबीवीएनएल के निदेशक अॉपरेशन केके वर्मा ने बताया कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के कई उपभोक्ता हैं, जो बिल नहीं दे रहे हैं. इनमें कई औद्योगिक उपभोक्ता भी हैं, जिनका बकाया है. बिजली बिल वसूली और डिस्कनेक्शन के लिए राज्यभर में 20 टीम बनायी गयी है. पहले उपभोक्ताओं को बिल जमा करने की सलाह दी जायेगी. जमा नहीं करने की स्थिति में ऐसे उपभोक्ताओं की बिजली काटी जायेगी.
Posted By : Sameer Oraon