Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें दिख रहा है कि एक कोयला इंजन से चलने वाली दो डिब्बे की शानदार ट्रेन जंगलों के बीच से सड़क किनारे से आती है और बीच सड़क को पार कर जाती है. ट्रेन की क्रॉसिंग के समय कोई बैरियर नहीं लगा होता है. न ही कोई व्यक्ति वहां खड़ा है, जो आने-जाने वाले वाहनों को ट्रेन के रोड क्रॉस करते समय रोके. इस वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि यह झारखंड के पाकुड़ जिले में चल रही ट्रेन का है. कई लोगों ने इसको शेयर किया है.
2 डिब्बे की ट्रेन, आगे-पीछे लगे हैं 2 इंजन
इस वीडियो को कई लोगों ने सोशल मीडिया साइट्स इंस्टाग्राम, फेसबुक या यूट्यूब पर शेयर किया है, उनके फॉलोअर्स की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. इसलिए प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) की टीम ने इस वीडियो का सच जानने के लिए इसका फैक्ट चेक करने का निश्चय किया. हमने इस पूरे वीडियो को गौर से देखा. वीडियो में जो ट्रेन से उसमें सिर्फ दो डिब्बे लगे हैं. ट्रेन के आगे कोयला इंजन है. उससे धुआं उठ रहा है. दो डिब्बों के पीछे एक और इंजन है, जो शायद डीजल इंजन है. ट्रेन बेहद धीरे-धीरे चल रही है और उसमें कई विदेशी पर्यटक बैठे हैं.
डीजल इंजन पर लिखा है- भारतीय रेलवे
ट्रेन के पीछे वाले इंजन पर भारतीय रेलवे लिखा है. ट्रेन की बोगी पर पू सी NF लिखा है. इस पर DHR भी लिखा है. दोनों ही डिब्बों पर पू सी NF और DHR लिखा है. झारखंड में घने जंगलों के बीच से सैकड़ों ट्रेनें गुजरतीं हैं. कोई ट्रेन बीच सड़क से ऐसे पार करती हो, वह भी बिना किसी फाटक के, ऐसा नहीं देखा गया. यह ट्रेन जहां से पार कर रही है, उसके किसी ओर रेलवे फाटक या बैरियर नहीं लगा है.
झारखंड में अलग-अलग जगह का बताया जा रहा वीडियो
इस ट्रेन के वीडियो को झारखंड में अलग-अलग जगह का बताकर वायरल किया जा रहा है. कोई इसे पाकुड़ का बता रहा है, तो कोई लातेहार का. जिस ट्रेन के वीडियो को लातेहार का बताया जा रहा है, वह जब सड़क पार कर रही है, तो पहला डिब्बा डीजल इंजन है. उस पर भी एनएफ पू सी (पूर्वी सीमांत रेलवे) और डीएचआर लिखा है.
ब्लू रंग का विस्टाडोम कोच
इसलिए हमने हर एंगल से इसका फैक्ट चेक करना शुरू किया. हमने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खंगालना शुरू किया. इस ट्रेन का स्क्रीन शॉट लेकर जब हमने उसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, तो ऐसे कई वीडियो हमारे सामने आ गये. सभी में यही ब्लू रंग के विस्टाडोम कोच दिखे. पीछे वाले डिब्बे में एक आसमानी रंग का शर्ट पहने सैलानी दिखा, जो खूबसूरत वादियों को अपने मोबाईल में कैद कर रहा है.
फेसबुक पर मिला- द आइकॉनिक टॉय ट्रेन ऑफ दार्जीलिंग
कई वीडियो को देखने के बाद हमें एक वीडियो मिला. इसे Travel With Trek X7 ने फेसबुक पर पोस्ट किया है. लिखा है : The Iconic Toy Train of Darjeeling. इस वीडियो से हमारा यकीन थोड़ा पक्का हुआ कि यह वीडियो झारखंड का नहीं है. हमने इसके आगे भी अपनी जांच जारी रखी.
गुम रोड दार्जीलिंग की टॉय ट्रेन
हमें एक और वीडियो मिला. इसके बारे में लिखा गया है कि यह गुम रोड दार्जीलिंग की टॉय ट्रेन है. इसमें यह भी बताया गया है कि यह डीएचआर डीजल इंजन है. इस ट्रेन के इंजन के उस पार मोटे-मोटे अक्षरों में दार्जीलिंग पुलिस लिखा है. डीएचआर का फुल फॉर्म दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे है. एनएफ का मतलब है नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे. इस तरह हमारे फैक्ट चेक में इस ट्रेन के झारखंड में चलने का दावा ‘फेक’ निकला. यह ट्रेन दार्जीलिंग में चलने वाली टॉय ट्रेन है, जो वर्षों से दार्जीलिंग में पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है.
इसे भी पढ़ें
Train News: 58023/58024 टाटानगर-बरकाकाना-टाटानगर पैसेंजर की ट्रेन संख्या में परिवर्तन
Indian Railways News: रेलवे ने सीनी-कांड्रा में लिया ब्लॉक, 4 ट्रेनों को कर दिया रद्द
Fact Check: बांग्लादेश में हिंदुओं को जिंदा जलाने का वायरल हो रहा वीडियो, क्या है सच
चाईबासा के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में आज होगा बड़ा फैसला
Shibu Soren Funeral PHOTOS: पिता को अंतिम विदाई देते हुए फफक पड़े सीएम हेमंत सोरेन, देखिए रुला देने वाली वो 10 तस्वीरें
शिक्षा मंत्री की हालत नाजुक, विश्व आदिवासी दिवस पर होने वाला कार्यक्रम स्थगित
Ranchi News : वसुंधरा अपार्टमेंट हेसाग में सावन मिलन समारोह