रांची. खान विभाग द्वारा ‘कॉमन कॉज’ के तहत जुर्माने की रकम किस्तों में वसूलने का प्रावधान किया जा रहा है. इसे मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा गया था. वित्त विभाग ने जुर्माने की रकम किस्तों में लिये जाने पर एतराज जताया है और इसकी मंजूरी नहीं दी है. वित्त विभाग को एतराज है कि जुर्माने की रकम जब किस्तों में ली जायेगी, तो इस पर सूद कितना होगा? इससे बेहतर होगा कि एक ही बार में राशि की वसूली की जाये. यह है मामला वर्ष 2017-18 में पर्यावरण स्वीकृति से अधिक खनन करने पर 189 कंपनियों पर 38484 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए डिमांड नोट जारी किया गया था. इसमें 842 करोड़ रुपये की वसूली भी हो गयी. जुर्माना कोल इंडिया की कंपनियों और सेल पर भी किया गया था, जिसे हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. हाइकोर्ट द्वारा कहा गया था कि डीएमओ के पास जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने गजट के माध्यम से जिला खनन पदाधिकारियों को वसूली की शक्ति नहीं दी है. कोर्ट ने डिमांड नोट को रद्द कर दिया और वसूली गयी राशि को सात प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया. राज्य सरकार ने खान निदेशक से लेकर डीएमओ को अधिकार देने संबंधी गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. गजट नोटिफिकेशन के बाद जिन कंपनियों को पूर्व में डिमांड नोटिस भेजा गया था, उन्हें दोबारा भेजा गया है. कंपनियों ने विभाग से आग्रह किया था कि एक ही बार में बड़ी रकम देना मुश्किल है. यदि किस्तों में प्रावधान कर दिया जाये, तो भुगतान करने में सुविधा होगी. खान विभाग द्वारा तीन किस्तों में बकाये भुगतान का एक प्रस्ताव तैयार किया गया. इसके तहत पहले किस्त में आधी राशि का भुगतान किया जाना है. शेष दो किस्तों का भुगतान सूद समेत किया जाना है. फिलहाल यह मामला अब भी लंबित है.
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