हेमंत सोरेन की घोषणा का क्या हुआ
पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन बताएं कि सरकार बनने पर गरीबों के लिए तीन कमरे का सुविधायुक्त आवास बनाकर देने संबंधी उनकी बड़ी घोषणा का क्या हुआ? साथ ही सवाल उठाते हुए कहा कि कहां गया वो घोषणा जिसमें बेटे के लिए अलग कमरा, मां व पिता के लिए अलग कमरे के अलावा रसोई, शौचालय, पानी आदि सुविधा से युक्त आवास देने की बात उन्होंने अपने संकल्प पत्र में कही थी.
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जनता को दिग्भ्रमित कर रही हेमंत सरकार
उन्होंने कहा कि आज भी राज्य सरकार मकान बनाकर देगी. यह बोलकर मुख्यमंत्री जनता को फिर से दिग्भ्रमित कर रहे हैं. राज्य सरकार ने इस संबंध में कोई योजना तैयार नहीं की है. केवल हवा हवाई बातें करना व झूठे वादे करना इनकी आदत में शुमार है.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे पैसे
पूर्व सीएम ने कहा कि आज राज्य सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है. 2019 की तुलना में आज हर साल केंद्र सरकार राज्य को डेढ़ गुना ज्यादा राशि जीएसटी मद में दे रही है जो हर साल करीब 21 हजार करोड़ रुपए होता है. इसके अलावा डीएमएफटी मद से भी जिलों में करीब दो हजार करोड़ रुपये हर साल मिल रहे हैं. आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार की नीति और नीयत साफ रहती, तो इन पैसों का सदुपयोग गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने में कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा. ये पैसे भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहे हैं.
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रघुवर दास ने सवालों की लगाई झड़ी
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कब तक आदिवासी कार्ड खेलकर आदिवासियों को लूटा जाएगा. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सीएम को बताना चाहिए कि आज भी आदिवासी बेघर क्यों हैं. क्यों आदिवासी बेरोजगार युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही. क्यों आदिवासी समाज के होनहार युवकों की हत्या हो रही. क्यों उनके मुख्यमंत्री रहते आदिवासी बहन-बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने आदिवासी सीएम होते हुए इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या किया?