ईश्वर सर्वशक्तिमान है, उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं
सवाल है कि हमारे पापों की कीमत चुकाने के लिए यीशु ने क्यों दुख सहना स्वीकार कर लिया? यीशु ने कई लोगों के पाप अपने शब्दों से दूर कर दिया था तो पूरी मानव जाति के लिए क्या वह ऐसा नहीं कर सकता था? ईश्वर सर्वशक्तिमान है और उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है. इसका जवाब है ईश्वर प्रेम है. ईश्वर मनुष्य के कारोबार में हस्तक्षेप नहीं करता है और इसलिए उसने अपना नियम भंग नहीं किया, पर प्रेम की वजह से उसने मनुष्य के स्वरूप में या यों कहे, मनुष्य के अवतार में वह इस धरती पर आया. शैतान के उकसावे पर आदम और हव्वा के द्वारा वर्जित फल खाने की वजह से मानव जाति आदिम पाप की चपेट में आयी. तब ईश्वर ने निष्कलंक कुंआरी माता मरियम, जो पवित्रात्मा से गर्भवती होती है, यीशु को जन्म दिया.
आज है विजय/मुक्ति का दिन
यीशु के जन्म के बाद शैतान उन्हें मारने की कोशिश करता है. अंतत: वह क्रूस मृत्यु के द्वारा यीशु को मारने में सफल भी होता है, पर यीशु मरने के बाद भी शैतान पर विजय पाते हैं. इसलिए हम कह सकते हैं कि आज विजय/मुक्ति का दिन है. क्रूस मृत्यु के द्वारा यीशु ने हम सभी को पाप की गुलामी से मुक्त किया है. जिस अनंत जीवन में उसने प्रवेश किया है उसी अनंत जीवन में प्रवेश करने का हम सभी को अधिकारी भी बनाया है यदि हम उसके मार्ग का अनुसरण करते हैं.
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