रांची. झारखंड विवि संशोधन अधिनियम-2025 को लेकर विरोध शुरू हो चुका है. झारखंड सरकार द्वारा प्रस्तावित झारखंड विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम 2025 ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था, विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र अधिकारों को लेकर गंभीर चिंता पैदा की है. आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि यह अधिनियम न केवल विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को प्रभावित करता है, बल्कि छात्र संघों की लोकतांत्रिक भूमिका, नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक ढांचे को भी कमजोर करता है. संघ ने राज्य सरकार से अधिनियम को वापस लेने की मांग की है.
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