रांची (प्रमुख संवाददाता). प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू ने कहा कि काफी समय से सरना धर्म कोड की मांग आदिवासी समुदाय द्वारा की जा रही है. आगामी जनगणना में केंद्र सरकार सरना धर्म कोड का कॉलम अवश्य रखे. जब तक सरना कोड नहीं मिलता, तब तक हम इसके लिए संघर्ष करेंगे. श्री राजू गुरुवार को कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
आदिवासी समाज के लिए धर्म कोड हो : कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस के दबाव में केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना का निर्णय लिया है. 2011 की जनगणना में झारखंड, ओडिशा एवं अन्य राज्यों के 50 लाख लोगों ने सरना धर्म कोड लिखा था. नाम कोई हो उससे एतराज नहीं आदिवासी समाज के लिए धर्म कोड होना चाहिए.
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केंद्र सरकार आदिवासियों को पहचान दे : डॉ रामेश्वर
पूर्व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि हमने चुनाव में किये वादे के अनुसार सरना धर्म कोड प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा है. पूरे देश में आदिवासी समुदाय की संख्या लगभग 10 से 12 करोड़ है. इतनी बड़ी आबादी अपने अस्तित्व के पहचान के लिए जूझ रही है. सरना धर्म कोड आवंटित कर केंद्र सरकार इन्हें पहचान प्रदान करे.
सातवें कॉलम में सरना को जगह मिले : प्रदीप बलमुचु
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार बलमुचु ने कहा कि सरना कोड के मुद्दे को पार्टी ने अहम मुद्दा बनाया है. केंद्र की नजर में सिर्फ छह धर्म है. सातवें कॉलम में सरना धर्म कोड या अन्य धर्म का उल्लेख करने की जगह होनी चाहिए. मौके पर राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुंजीनी, सोनाल शांति, जोसाइ मार्डी, जगदीश साहू, रियाज अंसारी मौजूद थे.
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