Political News : आदिवासियों को जमीन से बेदखल करना चाहती है सरकार : बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि सरकार आदिवासियों के जमीन से बेदखल करना चाहती है, आदिवासी के पास जीविकोपार्जन चलाने के लिए अपनी खेती-बाड़ी के अलावा और कोई साधन नहीं है.
By PRADEEP JAISWAL | May 31, 2025 8:03 PM
रांची/कांके (संवाददाता). प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि सरकार आदिवासियों के खेतिहर जमीन से बेदखल करना चाहती है, आदिवासी के पास जीविकोपार्जन चलाने के लिए अपनी खेती-बाड़ी के अलावा और कोई साधन नहीं है. सरकार को विकास के नाम पर आदिवासी-किसानों की आजीविका नहीं छीननी चाहिए. झारखंड की आत्मा उसकी मिट्टी, खेत और किसान हैं, और इन्हीं के विनाश से राज्य का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा. श्री मरांडी ने शनिवार को कांके-नगड़ी (रांची) में आदिवासी रैयतों व किसानों की जमीन पर निर्माण की योजना का विरोध कर रहे रैयतों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना. मौके पर अशोक बड़ाईक, बलकू उरांव सहित कई गांव के आदिवासी रैयत मौजूद थे.
श्री मरांडी ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए इसे आदिवासी अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताया. कहा कि भाजपा पूरे मामले को सड़क से सदन तक उठायेगी. अगर जरूरत पड़ी तो पार्टी न्यायालय का दरवाजा भी खटखटायेगी.
झारखंड के विकास की आड़ में हो रहा विनाश
मुख्यमंत्री एक बार यहां आकर देखें
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की कि वह एक बार यहां आकर देखें कि वास्तव में क्या हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष ने याद दिलाया कि इससे पहले भी लॉ यूनिवर्सिटी के निर्माण के समय ऐसे ही खेती वाली जमीन ली गयी थी और तब भी स्थानीय लोगों ने विरोध किया था, धरना दिया था. वह पहले भी इस जमीन पर आ चुके हैं, लेकिन तब स्पष्ट नहीं था कि कौन-सी जगह छोड़ी गयी है. स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार की वक्र दृष्टि फिर से इस जमीन पर पड़ गयी है. सरकार को सोचना चाहिए कि क्या यह सही निर्णय है?
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