
Valentine Week: आज वेलेंटाइन वीक का तीसरा दिन है. यानी चॉकलेट डे. चॉकलेट रिश्तों में मिठास घोलती है. इतना ही नहीं शारीरिक स्वास्थ्य को बनाये रखने में भी चॉकलेट कारगर है. हृदय रोग के मरीजों को डॉक्टर डार्क चॉकलेट लेने का परामर्श देते हैं. इसमें मौजूद थियोब्रोमाइन व फेनिलथाइलामाइन शरीर में आनंद व तनाव मुक्ति करने वाले हार्मोन डोपामाइन के प्रवाह को बढ़ाते हैं. इसे हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है. इसके अलावा डार्क चॉकलेट में मौजूद फाइबर, आयरन, मैग्निशियम, जिंक, मैगनीज, पोटैशियम, फास्फोरस और सेलेनियम की भी मात्रा पायी जाती है. इसके अलावा डार्क चॉकलेट में मौजूद कार्डियो प्रोटेक्टिव व्यक्ति को दिल की बीमारियों से दूर रखने के साथ हृदय घात के खतरे से भी दूर रखता है. टाइप-टू डायबिटीक को भी डार्क चॉकलेट का सेवन करने की सलाह दी जाती है.
कौन-सी चॉकलेट कीमत रुपये में
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ताज चॉकलेट – 734
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कपल चॉकलेट – 314
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लग्जरी कलेक्शन – 624
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शुगर फ्री – 199
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आल्मंड – 299
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चॉकलेट हैंपर – 260-1250
छोटे बच्चों के लिए हर्बल चॉकलेट हो रही तैयार
बाजार में इन दिनों इम्युनिटी बूस्टर चॉकलेट उपलब्ध हैं. इन्हें मुलेठी, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, आवला, अंजीर और स्ट्रॉबेरी से तैयार किया जा रहा है. साथ ही ग्लूकोज चॉकलेट भी है जो शरीर की एनर्जी को बढ़ाने में मददगार है. वहीं, छोटे बच्चों के लिए हर्बल चॉकलेट भी तैयार की जा रही है, जिन्हें प्राकृतिक औषधीय गुणों से तैयार किया जा रहा है. इससे खांसी और गले की खराश ठीक हो रही है.
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मिल रहे स्पेशल पैक
रांची में इन दिनों होम मेड चॉकलेट की मांग बढ़ी है. द चॉकलेट रूम के संचालक कर्णवीर सिंह ने कहा कि लोग कंपनी मेड से ज्यादा हैंड मेड चॉकलेट खरीदना पसंद कर रहे हैं. कोरोना काल के बाद इसका प्रचलन बढ़ा है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए इन्हें डिजाइन आधारित तैयार किया जा रहा. वहीं वेलेंटाइन वीक को देखते हुए हार्ट, रोज, गिटार, स्पून के आकार में चॉकलेट तैयार की गयी है. इनकी कीमत 20 से 2500 रुपये तक है. वेलेंटाइन स्पेशल के तौर पर टफल बॉल्स मिल्क और मिल्क चॉकलेट वेराइटी में भी चॉकलेट बनायी जा रही है.
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चॉकलेट खाने का लाभ
चॉकलेट खाने से आपके दिल को एक अलग तरह का सुकून तो मिलता ही है, साथ ही इसके फायदे भी कई हैं. इसके प्राकृतिक केमिकल्स हमारे मूड को बेहतर बनाते हैं. चॉकलेट में मौजूद ट्रीप्टोफैन हमें खुश रखते हैं, साथ ही यह हमारे दिमाग में इंडॉरफिन के स्तर पर भी असर पड़ता है, जिससे हम खुशहाल महसूस करते हैं. इसके अलावा चॉकलेट हमारे दिल को भी फायदा पहुंचाती है. अगर रोजाना डार्क टॉकलेट खाई जाए, तो दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है. हालांकि, इसका सेवन जरूरत से ज़्यादा कर लेने पर यह नुकसान भी कर सकती है.
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क्या है चॉकलेट डे का इतिहास
सूत्रों की जाने तो चॉकलेट डे की प्रथा कोई नया नहीं है, बल्कि यह बहुत ही पुरानी प्रथा रही है. एजटेक सभ्यता चॉकलेट डे का काफी महत्व था. चॉकलेट का इतिहास एज़्टेक काल में लगभग 1400 ईसा पूर्व में मनाया जाता था. लोग मीठे फल को बांट कर एक दूसरे की प्यार जताते थे. चॉकलेट कोको के पेड़ के फल से बनाई जाती है, जिसकी खोज 2000 साल पहले अमेरिका के रेन फॉरेस्ट में की गई थी. इस पेड़ की फल में जो बीज होते हैं उनसे चॉकलेट बनती है. पहले सिर्फ मैक्सिको और मध्य अमेरिका में ही चॉकलेट बनाई जाती थी. सन 1528 में स्पेन ने जब मैक्सिको पर कब्ज़ा किया, तो वहां का राजा भारी मात्रा में कोको के बीज और चॉकलेट बनाने के यंत्रों को अपने साथ स्पेन ले गया. कुछ ही समय में चॉकलेट स्पेन के रईसों की फैशनेबल ड्रिंक बन गई. शुरुआती दिनों में चॉकलेट का स्वाद कुछ कड़वा और तेज था. इसे बदलने के लिए इसमें शहद, वनीला, चीनी के अलावा कई चीज़ें मिलाकर इसकी कोल्ड कॉफी तैयार की गई. फिर पेशे से एक डॉक्टर सर हैंस स्लोन ने इसे तैयार कर पीने से खाने के योग्य बनाया. जिसे आज कैडबरी मिल्क चॉकलेट के नाम से जाना जाता है.
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