राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त व एसपी फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट दें -रांची नगर निगम को राजधानी में स्ट्रीट लाइट की स्थिति बताने का निर्देश. रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में महिला एवं नाबालिगों के साथ होनेवाले दुष्कर्म तथा प्रताड़ना की घटनाओं को रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चाैहान व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. इस दाैरान राज्य सरकार के महिला एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर दायर शपथ पत्र पर असंतोष प्रकट किया. माैखिक रूप से कहा कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं कर सिर्फ खानापूरी की जा रही है. सरकार ऐसे संवेदनशील विषय पर गंभीर प्रतीत नहीं होती है. 11 सितंबर 2024 तथा जनवरी 2025 के आदेश के अनुपालन के संबंध में राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों ( एसपी) को फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही रांची नगर निगम को राजधानी में स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी कैमरा की स्थिति पर जवाब दायर करने का निर्देश दिया. इसके अलावा खंडपीठ ने सभी जिले के प्रधान एवं सत्र न्यायाधीशों को भी निर्देश दिया कि वह जिलों के जूवेनाइल होम में बच्चों की स्थिति का निरीक्षण कर रिपोर्ट दाखिल करें. इससे पहले प्रार्थी कौशल भारती ने खंडपीठ को बताया कि स्कूलों में भी बच्चे-बच्चियों की सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. सरकार कोर्ट के आदेश के अनुपालन के नाम पर सिर्फ खानापूरी कर रही है. सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र संतोषजनक नहीं है. रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी भारती कुमारी ने जनहित याचिका दायर की है. कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में पांच बिंदुओं पर राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. इसमें महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर राजधानी के प्रमुख जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने और खराब कैमरे को ठीक करने, स्कूलों में बसों में महिला स्टाफ रखने, बच्चों एवं महिलाओं की शिकायत के लिए स्कूलों में कंप्लेन बॉक्स रखने, महिलाओं को इमरजेंसी में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर को अखबार सहित अन्य प्रचार माध्यम से प्रचार-प्रसार करने आदि के संबंध में जानकारी देने का निर्देश दिया था.
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