राज्यसभा चुनाव 2016 में हॉर्स ट्रेडिंग मामला : बड़े नेताओं व अफसरों से होगी पूछताछ

राज्यसभा चुनाव 2016 दौरान हॉर्स ट्रेडिंग होने के आरोपों की जांच एक बार फिर शुरू होने जा रही है. जगन्नाथपुर थाने में दर्ज इस मामले की समीक्षा एडीजी सीआइडी अनिल पालटा कर चुके हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2020 2:19 AM
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रांची : राज्यसभा चुनाव 2016 दौरान हॉर्स ट्रेडिंग होने के आरोपों की जांच एक बार फिर शुरू होने जा रही है. जगन्नाथपुर थाने में दर्ज इस मामले की समीक्षा एडीजी सीआइडी अनिल पालटा कर चुके हैं. अब डीआइजीअखिलेश झा ने इस मामले के अनुसंधानकर्ता को 35-40 बिंदुओं पर जांच करने के आदेश दिये हैं. इसमें कहा गया है कि बिरसा केंद्रीय कारा होटवार में बंद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से ओरिजनल रिकॉर्डिंग यंत्र हासिल कर मामले से जुड़े बड़े नेताओं, अफसरों और अन्य लोगों से फिर से पूछताछ की जाये.

गौरतलब है कि पूर्व में भी पुलिस ने योगेंद्र साव से ओरिजनल रिकॉर्डिंग यंत्र मांगने को लेकर करीब सात बार नोटिस भेजा था. लेकिन, यंत्र उपलब्ध नहीं कराया गया. बल्कि सीडी में उसकी एक कॉपी बना कर पुलिस को दे दी गयी थी. जांच में पाया गया कि पुलिस को दी गयी सीडी टेंपर (छेड़छाड़) हुई है. आवाज के आधार पर संबंधित नेताओं का साउंड लेकर उसकी जांच भी पुलिस ने नहीं करायी. मामले में साक्ष्य की कमी बता फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दी गयी थी.

इस मामले में आरोपों में घिरे एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित किया गया था. जबकि, इनके खिलाफ चलायी जा रही विभागीय कार्यवाही का संचालन पदाधिकारी डीजीपी एमवी राव को बनाया गया था. लेकिन, इस मामले में भी कार्रवाई की बात सामने नहीं आयी है.

जगन्नाथपुर थाने में दर्ज है मामला, सीआइडी एडीजी कर चुके हैं इस मामले की समीक्षा

जेल में बंद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से ओरिजनल रिकॉर्डिंग यंत्र हासिल करने का आदेश

अनुसंधानकर्ता को 35-40 बिंदुओं पर जांच करने का आदेश

गृह विभाग के अवर सचिव के बयान पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी

पूर्व आइओ अनूप व संजय कुमार ने केस बंद करने की अनुशंसा की थी

बाबूलाल मरांडी ने जारी किया था ऑडियो टेप, की थी जांच की मांग

घटना को लेकर झाविमो के तत्कालीन सुप्रीमो और वर्तमान में भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक ऑडियो व वीडियो टेप जारी कर अनुराग गुप्ता, योगेंद्र साव व मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार के बीच बातचीत की बात कही थी. निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की गयी थी. मामले में गृह विभाग के अवर सचिव अविनाशचंद्र ठाकुर के बयान पर जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.

मामले में पूर्व में केस के आइओ रहे अनूप कर्मकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता, अजय कुमार, झामुमो विधायक चमरा लिंडा, विधानसभा के तत्कालीन सचिव विनय कुमार सिंह समेत कई लोगों का बयान लिया था. इस मामले में तथ्य नहीं मिलने की बात कह पहले अनुसंधानकर्ता अनूप कर्मकार व बेड़ो डीएसपी संजय कुमार ने केस बंद करने की अनुशंसा की थी. इसको लेकर दोनों को शोकाॅज जारी किया गया था.

Posted by : Pritish Sahay

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