इस वर्ष जैक की मैट्रिक की परीक्षा में 2,04,612 छात्राएं शामिल हुईं थीं. इनमें से 1,51,925 पास हुई हैं. 77,109 छात्राएं फर्स्ट डिवीजन में पास हुई हैं. 65,893 छात्राएं सेकेंड डिवीजन में पास हुई हैं, तो थर्ड डिवीजन में पास होने वाली छात्राओं की संख्या 8,923 रही. झारखंड बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में इस वर्ष 75.01 फीसदी विद्यार्थी सफल हुए हैं.
हालांकि, लड़कियां इस बार परीक्षा फल में लड़कों को पीछे नहीं छोड़ पायीं. लेकिन, कई जिलों में लड़कियों ने हर मोर्चे पर लड़कों को पछाड़ दिया है. रांची, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा और पूर्वी सिंहभूम ऐसे ही जिले हैं. रांची में 76.333 फीसदी लड़कों की तुलना में 76.551 फीसदी लड़कियां पास हुई हैं, तो गुमला में 62.520 फीसदी लड़कों के मुकाबले 62.613 फीसदी लड़कियों ने परीक्षा पास की है.
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लोहरदगा में 58.999 फीसदी बेटियां पास हुई हैं, तो पास होने वाले लड़कों की हिस्सेदारी 55.860 फीसदी है. सिमडेगा में भी लड़कों से ज्यादा लड़कियां परीक्षा में उत्तीर्ण हुई हैं. यहां 69.708 फीसदी लड़कियों के मुकाबले मात्र 64.605 फीसदी लड़कों ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है. इसी तरह पूर्वी सिंहभूम में 77.335 फीसदी लड़कियों के मुकाबले 77.209 फीसदी लड़कों को परीक्षा में सफलता मिली है.
उधर, बिहार में 7,64,858 लड़कियों ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी. इनमें से 49.047 फीसदी यानी 5,90,545 को सफलता मिली. बिहार की 1,65,299 छात्राएं अव्वल दर्जे से पास हुईं, तो 2,66,410 दूसरे दर्जे में और 1,58,286 बेटियां तीसरे दर्जे यानी थर्ड डिवीजन से पास हुईं. 550 लड़कियां कंपार्टमेंटल की परीक्षा में उत्तीर्ण हुईं. यहां लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर रहा. मात्र 469 लड़के कंपार्टमेंटल परीक्षा में पास हुए.
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Posted By : Mithilesh Jha