…और जगरनाथ महतो ने डुमरी से झामुमो का टिकट देने के लिए शिबू सोरेन को कर दिया मजबूर
जगरनाथ महतो ने खुद प्रभात खबर संवाद में यह दिलचस्प किस्सा सुनाया था. उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में समता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया. बाद में समता पार्टी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से समझौता हो गया. तब समता पार्टी ने जगरनाथ महतो से कहा कि वह टिकट वापस कर दें. जगरनाथ ने टिकट वापस नहीं किया.
By Mithilesh Jha | April 6, 2023 1:09 PM
Jharkhand Education Minister Jagarnath Mahto News: जगरनाथ महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कद्दावर नेता और झारखंड के शिक्षा एवं आबकारी मंत्री थे. अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में शामिल होने की वजह से जगरनाथ महतो आगे की पढ़ाई नहीं कर पाये. बाद में राजनीति में आ गये. वह अपनी धुन के पक्के थे. जमीन से जुड़े थे. एक बार कुछ सोच लिया, तो उसको करके रहते थे. राजनीति में ऐसा भी वक्त आया, जब दिशोम गुरु शिबू सोरेन को जगरनाथ महतो को बुलाकर झामुमो का टिकट देना पड़ा.
झामुमो से टिकट मिलने का जगरनाथ महतो ने सुनाया किस्सा
जगरनाथ महतो ने खुद प्रभात खबर संवाद में यह दिलचस्प किस्सा सुनाया था. उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में समता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया. बाद में समता पार्टी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से समझौता हो गया. तब समता पार्टी ने जगरनाथ महतो से कहा कि वह टिकट वापस कर दें. लेकिन, जगरनाथ महतो ने टिकट वापस नहीं किया. वह चुनाव लड़ गये और लालचंद महतो से बहुत कम अंतर से हार गये.
इसके पहले उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन से कहा था कि वह झामुमो का टिकट उन्हें (जगरनाथ महतो को) दें. लेकिन शिबू सोरेन ने इससे इनकार कर दिया था. वर्ष 2000 में जगरनाथ महतो के प्रदर्शन से झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन काफी प्रभावित हुए. उन्होंने वर्ष 2005 के चुनाव में खुद जगरनाथ महतो को बुलाया और कहा कि झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ो. इसके बाद लगातार चार बार डुमरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीते.
वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन की अगुवाई में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की महागठबंधन की सरकार बनी, तो जगरनाथ महतो को शिक्षा मंत्री के साथ-साथ आबकारी विभाग का भी मंत्री बनाया गया. उनका सपना था कि झारखंड की सरकारी स्कूल किसी भी सूरत में प्राइवेट स्कूलों से कमतर न हों. यहां के बच्चों को हर तरह की शिक्षा दी जाये.