Jharkhand Assembly Election: इस गांव के लोग बरसात में हो जाते हैं कैद, कई वर्षों से सड़क और पुल बनाने की कर रहे मांग

Jharkhand Assmebly Election: पलामू के बांसडीह खुर्द पंचायत के कई गांव आज भी बुनयादी सुविधाओं से वंचित है. यहां के लोग पगडंडी से होकर नदी पार कर गांव आने-जाने को मजबूर हैं.

By Sameer Oraon | October 18, 2024 10:08 AM
an image

Jharkhand Assembly Election, रांची : झारखंड के कई ऐसे गांव हैं जहां आज भी लोग बुनयादी सुविधाओं से वंचित हैं. चुनाव से पहले हर जनप्रतिनिधि उनके पास आकर समस्याओं को दूर करने की बात तो करते हैं लेकिन चुनाव के बाद वो वादा पूरा नहीं होता. कुछ ऐसी कहानी पलामू के रामगढ़ प्रखंड की है. दरअसल बांसडीह खुर्द पंचायत के कोकाडू, असमदाहा, सुगीटांड़ और पडवनिया गांव के लोग आज भी सड़कों से वंचित हैं. यहां के लोग पगडंडी से होकर नदी पार कर गांव आने-जाने को मजबूर हैं.

असमदाहा आदिम परहिया जनजाति का गांव है

असमदाहा आदिम परहिया जनजाति का गांव है. वहां तक जाने के लिए दो नदी कोकाडू नदी और घोड़दाहा नदी पार करनी पड़ती है. कोकाडू सहित अन्य गांवों की जनसंख्या लगभग 2000 और 700 वोटर हैं. इन गांवों के लोगों को गर्मी या सूखे के मौसम में गांव तक आने-जाने में कोई खास परेशानी नहीं होती है. लेकिन, बरसात में नदियों में पानी बढ़ जाने से काफी परेशानी होती है. यह क्षेत्र टापू बन जाता है और ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह जाते हैं. ग्रामीण कई वर्षों से पुल और सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक न तो नदी पर पुल बना और न ही सड़क बनी.

Also Read: Jharkhand Politics: क्या झामुमो में जाएंगे रवींद्र राय? वीडियो जारी कर खुद किया खुलासा

समस्या से अवगत कराने के बाद भी काम नहीं हुआ

पलामू के कोकाडू गांव की निवासी सह रामगढ़ प्रखंड की प्रमुख प्रेमनी देवी ने बताया कि सांसद व विधायक को इस समस्या से अवगत कराया गया है. इसके अलावा जिला की बैठक में भी पुल और सड़क बनाने के लिए लिखित और मौखिक रूप से कहा गया, लेकिन कार्य नहीं हुआ. असमदाहा आदिम जनजाति बहुल गांव है. इस गांव में बिजली और पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है. स्थानीय लोग नदी का पानी पीने के लिए विवश हैं. इन गांवों में बरसात के समय में बाइक से भी नहीं जा सकते हैं. चारपहिया वाहन का जाना तो दूर की बात है. सबसे बड़ी समस्या तब होती है, जब बरसात में कोई बीमार हो जाता है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीण सज्जन सिंह का कहना है कि गांव में कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण इन गांवों के ज्यादातर युवक रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर जाते हैं. पता नहीं कब सरकार का ध्यान यहां की समस्याओं पर पड़ेगा. ग्रामीण देवमनी देवी का कहना है कि चुनाव आता है, तो इस गांव में नेता लोग आते हैं. सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन अब तक पुल बना और न ही सड़क बनी.

Also Read: Jharkhand Assembly Election: सीट बंटवारे में जुटा इंडिया गठबंधन, BJP की सूची का इंतजार, आज से नामांकन शुरू

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Latest Ranchi News in Hindi : रांची के स्थानीय समाचार, इवेंट, राजनीति, एजुकेशन, मौसम, बिजनेस, रेलवे, प्रशासनिक खबरों की ताजा अपडेट के लिए प्रभात खबर से जुड़े रहें। यहां निष्पक्ष समाचार, लाइव रिपोर्टिंग, ग्राउंड रिपोर्ट, फैक्ट चेक के साथ खबरों की विश्वनीयता सुनिश्चित की जाती है। यहां पर प्रभात खबर के 100 से अधिक रिपोर्टर्स, संवाद सूत्र, एक्सपर्ट्स और विषय विशेषज्ञ की खोजपरक रिपोर्टिंग, लेख, फीचर, टिप्पणी भी आपको रियल टाइम में और मुफ़्त मिलती है।
रांची की चुनी हुई और महत्वपूर्ण खबरें भी पढ़ें । रांची मौसम: आज का सटीक और विस्तृत मौसम पूर्वानुमान ( मौसम ) यहां देखें।

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version