नहीं हो पाया ग्रामीण कृषि हाट का निर्माण
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने ग्रामीण कृषि हाट निर्माण की योजना चालू वित्तीय वर्ष में रखी थी. इसके लिए सात करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया था. यह योजना भी शुरू नहीं हो सकी. कृषकों को मौसम की जानकारी देने के लिए ऑटोमेटिक रेन गेज लगाने की बात योजना में कही गयी थी. यह योजना भी जमीन पर नहीं उतर सकी. इसके लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में था. गन्ना विकास की योजना भी कागजों पर ही रह गयी. इसके लिए पांच करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान था. मुख्यमंत्री ट्रैक्टर वितरण योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर और अन्य सहायक यंत्र देना था. इसके लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान था. मिनी ट्रैक्टर, पावर टीलर सहित अन्य सहायक कृषि मशीन और कृषि प्रसंस्करण उपकरण के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान था. यह योजना अभी विभागीय टेंडर प्रक्रिया में लटकी है. इसका लाभ किसानों को अब तक नहीं मिल पाया है.
नहीं बन पाया हाइटेक नर्सरी सह हार्टी पार्क
उद्यान निदेशालय ने चालू वित्तीय वर्ष में हाइटेक नर्सरी सह हार्टी पार्क स्थापना की घोषणा बजट में की थी. इससे करीब 1700 से 2000 हेक्टेयर तक गुणवत्तायुक्त उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र की विस्तार की योजना थी. इसके तहत हर साल करीब 40 से 50 हजार किसानों को प्रशिक्षण देना था. पार्क में हर साल दो से ढाई लाख पर्यटकों के आने की संभावना था. यह पूरी नहीं हो पायी है.
पशुपालन विवि बनाने की प्रक्रिया भी नहीं हुई शुरू
बजट में सरकार ने राज्य में पशुपालन एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी. इसके लिए अनुदान देने की बात कही गयी थी. लेकिन, यह केवल बजट भाषण तक ही सिमट कर रह गयी. पशुपालन निदेशालय ने पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के विकास की योजना बनायी थी. यहां 10 साल से संस्थान का नया लैब बन रहा है.
कर्मचारियों का 6282 में 4393 पद रिक्त
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग में कर्मचारियों का 6282 पद स्वीकृत है. इसमें मात्र 1968 कर्मी ही कार्यरत हैं. कुल करीब 4393 पद रिक्त है. सबसे अधिक करीब 1777 पद पशुपालन विभाग में रिक्त है. कृषि विभाग में 1375, पशुपालन में 304, डेयरी में 157 तथा सहकारिता में 780 कर्मचारियों का पद रिक्त है. इसी तरह अधिकारियों का 1064 पद स्वीकृत है. इसमें 291 पद रिक्त है.
4.78 लाख किसानों का ऋण हुआ माफ
हेमंत सोरेन की सरकार में राज्य के 4.78 लाख किसानों का ऋण माफ किया गया. पहले चरण में 50 हजार रुपये तक के ऋणी किसानों को इसका लाभ मिला. बाद में दो लाख रुपये तक कर्ज वाले स्टैंडर्ड किसानों का लोन भी माफ किया गया. इस पर सरकार ने करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किया. पशुपालन विभाग ने राज्य के सभी जिलों के लिए मोबाइल वेट क्लिनिक का संचालन शुरू किया. बीज वितरण में ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राज्य सरकार को पहचान मिली. बीज और खाद वितरण को इस दौरान सुदृढ़ किया गया. वर्षों से लंबित फसल बीमा की राशि भी किसानों को दिलायी गयी.
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