रांची के तमाड़ थाना क्षेत्र में ग्रामीणों ने उत्साह के साथ डाला वोट
इसी तरह रांची के तमाड़ थाना क्षेत्र के आरहंगा पोलिग बूथ पर पहली बार ग्रामीणों ने पूरे उत्साह में वोट दिया. वहीं, लोहरदगा के सांगीडीह पेशरार में कड़ी सुरक्षा के बीच लोगों ने मतदान किया. कभी नक्सलियों का गढ़ माने जानेवाला बूढ़ा पहाड़ का तराई क्षेत्र हेसातू बूथ पर भी बढ़-चढ़कर लाेकतंत्र के महापर्व में ग्रामीणों ने योगदान दिया. लातेहार जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बालूभांग व बॉस्कर्चा में भारी संख्या में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जबकि, सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड अंतर्गत अति नक्सल क्षेत्रों जाम्बरों, रेंगाबड़ा, कोमाय, गिलुआ, सियाडीह व तरंबा मतदान केंद्रों पर भयमुक्त व शांतिपूर्ण तरीके से ग्रामीणों ने बुलेट का जवाब बैलेट से दिया. नक्सल क्षेत्रों में सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ सहित अन्य बलों की तैनाती की गयी थी.
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राज्य में पहली बार एक साथ 43 सीटों पर मतदान, हर जगह रही शांति
राज्य गठन के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में एक साथ 15 जिलों की 43 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जो पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा. कहीं से भी कोई नक्सली या अन्य घटना की सूचना पुलिस मुख्यालय को नहीं मिली है. पहले चरण के चुनाव में 15,334 बूथों में से 2,249 बूथ नक्सल प्रभावित थे. 286 बूथ उन इलाके में थे, जहां कम्यूनिकेशन के कोई साधन नहीं थे. जबकि 7,857 बूथ क्रिटिकल थे. लेकिन सभी बूथ में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये गये थे. एक ही चरण में 43 सीटों पर चुनाव होने की वजह से पहली बार 600 कंपनी केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात थे. इसके अलावा 14 हजार होमगार्ड जवान, 15251 राज्य पुलिस के जवान और 60 कंपनी राज्य बल के जवान भी तैनात रहे.
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