PHOTOS: रांची में धूमधाम के साथ मनाया गया प्रकृति पर्व करमा पूजा, मांदर लेकर झूमे मुख्यमंत्री और राज्यपाल

राजधानी रांची में बड़े ही धूमधाम के साथ प्रकृति पर्व करमा पूजा मनाया गया. सबसे पहले करम की डाल को श्रद्धाभाव से पूजा स्थल पर स्थापित किया गया. पूजा-अर्चना हुई. करम की कथा सुनायी गयी. इसके बाद करम के गीत-संगीत, ढाेल-मांदर की थाप पर सभी झूमते नजर आए. सीएम हेमंत सोरेन और राज्यपाल ने भी डांस किया.

By Nutan kumari | September 26, 2023 10:29 AM
an image

Karma Puja 2023: शुक्ल पक्ष भादो एकादशी पर राजधानी रांची में प्रकृति पर्व करम का हर्षोल्लास दिखा. करम पूजा के लिए सभी अखड़ा को रजनीगंधा, गेंदा फूलों, पत्तियां, बैलून से सजाया गया था. लाइटिंग आकर्षित कर रही थीं. सरना झंडे लगे थे. झांकियों और रंग-बिरंगी रोशनी से पूरा माहौल खुशनुमा बना हुआ था. सोमवार के दूसरे पहर युवा नाचते-गाते करम की डाल काट कर लाये. पाहनों ने विधिपूर्वक स्वागत किया. करम की डाल को श्रद्धाभाव से पूजा स्थल पर स्थापित किया गया. पूजा-अर्चना हुई. करम की कथा सुनायी गयी. कानों में जावा फूल खोंसे गये. इसके बाद करम के मधुर गीत-संगीत, ढाेल-मांदर की ताल और नगाड़े की हृदय स्पर्शी आवाज से अखड़ा गुंजायमान हाेने लगे. पारंपरिक नृत्य का दौर शुरू हुआ.

सातो भईया रे सातो करम गाड़य, सातो गोतनी सेवा करय हो: इस दौरान सातो भईया रे सातो करम गाड़य, सातो गोतनी सेवा करय हो…, लका लका बनसी, सोने केर डोइर…, छोटे-मोटे नंदिया के फूल मोंय बांधलो, रेला गाड़ी हेचकते आवय रे…, सनई सोड़ा लेटे मंडी, हायरे जोंखस्स कूलन कपरदस…, हाय रे करम बरचा गुचा जोड़ी करम एरा कालोत रे, अखेड़ा नू करमा बरचा…, निंगा गे दादा खेल खेंदा कादय…, करम खंडा भईया…, जंबू झरियांति बरा लगेन आयो…, एका जोंखस्स खेल असदस, जिरोय जोरोय खरखी आयो…, सनय सोड़ा लेटे मंडी…” बंगाड़ू परेता ने खेल खरखी, हाय हाय गुचय पेल्लो एरा कालो पेलय जोंखय… छोटे-मोटे मैना मुंडा भइर हड़ा गो आइग लाइगो…, तिनकुनिया चौड़़ा उइया कादय भइया रे बिंड़ओ गूटी अमके उइया…गीतों का सिलसिला देर तक चलता रहा.

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि में सोमवार को करमा पर्व मनाया गया. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि पढ़े-लिखे परिवार विशेष कर शहरी क्षेत्र के घर-परिवार में मातृभाषा में बातचीत और स्कूल-कॉलेजों में अपनी भाषा में पढ़ाई के लिए प्रेरित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हर गांव में अखड़ा निर्माण होना चाहिए. कुलपति प्रो तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि यह पर्व संदेश देता है कि सबको मिलकर प्रकृति की रक्षा करनी है. बिना पर्यावरणीय क्षति के विकास हो. मौके पर झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ टीएन साहू, प्रो महेश भगत, जुरन सिंह मानकी, पद्मश्री मधु मंसूरी, साहित्यकार महादेव टोप्पो, डॉ नमिता सिंह, आशीष गुप्ता, डॉ जिंदर सिंह मुंडा मौजूद थे.

कांके रोड स्थित न्यू पुलिस लाइन के सरना स्थल में करमा पर्व का उल्लास रहा. झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन रांची शाखा के अध्यक्ष जितेंद्र किंडो ने पाहन की भूमिका निभायी. मौके पर एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा, राजकुमार मेहता, मनीष टोप्पो, अभिनव पाठक मौजूद थे.

हातमा सरना टोली में दीपक पाहन ने पूजा करायी और जगलाल पाहन ने करम की कथा सुनायी. इस अवसर पर सुरेश पाहन, डहरु उरांव, कुलदीप हेमरोम, सुका उरांव, निर्मल पाहन, रोशन पाहन, जगत मिर्धा, सुरेंद्र राम, अविनाश स्वांसी, विकास मुंडा उपस्थित थे.

मधुकम.स्व. कोडे तिर्की मधुकम जतरा मैदान में पर्व मना. मौके पर फ्रांसिस तिर्की, मंटू वर्मा, ओमप्रकाश चौधरी, संतोष सोनी, राहुल चौधरी, मंटू लाल, प्रभात रंजन, नवनीत अग्रवाल, सुनील वर्मा, ननकू तिर्की मौजूद थे. सेक्टर तीन धुर्वा स्थित अखड़ा में पाहन कंचन होरो ने पूजा करायी, जिसमें पुजार बुधदेव भगत ने सहयोग दिया. नारो उरांव ने करम की कहानी सुनायी. इस अवसर पर मेघा उरांव, बिरसा भगत, मोहन महली, नीलाभ तिर्की, जयमंत्री उरांव, लोरेया उरांव, लुथरु उरांव, विनोद उरांव, रवि उरांव, राम उरांव, शांति भगत, पूजा देवी, निशु कुमारी उपस्थित थे.

हरमू स्थित देशावली सरना अखड़ा स्थल की पूजा में विधायक नवीन जायसवाल, पूर्व डिप्टी मेयर अजय नाथ शाहदेव, हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन संजय पासवान, साहित्यकार महादेव टोप्पो शामिल हुए.

सिरम टोली में पाहन रोहित हंस ने पूजा करायी. मनोरमा भगत ने करम कथा सुनायी. पूजा में न्यू गार्डेन सिरम टोली सरना समिति के अध्यक्ष सुमित कच्छप, राहुल तिर्की, प्रदीप तिर्की, जयंत तिर्की, अरविंद हंस, सुशील कच्छप, सन्नी हेमरोम, रोशन तिर्की आदि शामिल हुए.

होटवार जेल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में राजीपड़हा के झारखंड प्रदेश धर्मगुरु राजेश उरांव ने करमा पर्व की महत्ता बतायी. जेल अधीक्षक हामिद अख्तर, महादेव भगत, एतवा उरांव, जेलर मो नसीम, मीनू देवी, उषा उरांव, इंदुवा तिर्की, बसंती उरांव मौजूद थे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची वीमेंस कॉलेज परिसर के आदिवासी कॉलेज छात्रावास में आयोजित करम महोत्सव में शामिल हुए और मांदर की थाप पर जमकर झूमे. मुख्यमंत्री दोनों बेटों के साथ आये थे. छात्राओं ने सीएम का स्वागत सखुआ का फूल लगाकर किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में कल्याण विभाग की ओर से संचालित सभी आदिवासी छात्रावासों का जीर्णोद्धार होगा. इसकी शुुरुआत रांची से होगी. छात्रों और छात्राओं के लिए मल्टी स्टोरेज हॉस्टल तैयार करने का निर्णय लिया गया है. नये छात्रावास में भोजन की भी व्यवस्था करायी जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज नदी-नाला, पहाड़-पर्वत का उपासक है, जबकि भौतिकवादी युग में इन सभी प्राकृतिक संसाधनों पर तेजी से अतिक्रमण हो रहा है. यहीं कारण है कि पहाड़ी इलाके में बाढ़ की समस्या आ रही है. रांची की हरियाली धीरे-धीरे खत्म हो रही, इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.

हमारे राज्य में करम पर्व अहम त्योहार है. यह देश की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है और इसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संरक्षित करने में मदद करता है. यह पर्व प्रकृति और मानव के बीच के गहरे और अटूट रिश्ते को दर्शाता है. ये बातें मुख्य अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को रांची विवि के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय में आयोजित करम महोत्सव के मौके पर कहीं. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केला का पेड़ अपने पीछे नन्हे पौधों को छोड़ देता है, उसी प्रकार यह उत्सव भी भावी पीढ़ी के लिए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करता है. इस अवसर पर सांसद संजय सेठ, रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा, डीएसपीएमयू के कुलपति डॉ टीके शांडिल्य, झारखंड ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ टीएन साहू, डॉ एमसी मेहता, डॉ कुमार आदित्येंद्र नाथ शाहदेव, डॉ प्रकाश झा, डॉ बीआर झा, डॉ महेश्वर सारंगी, डॉ हरि उरांव और डॉ यूएन तिवारी मौजूद थे.

करम कर दिन कैसे आये… गीत पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाथ में मांदर लिये झूमते नजर आये. वे रांची वीमेंस कॉलेज परिसर के आदिवासी कॉलेज छात्रावास करम पूजा महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. कार्यक्रम में सीएम अपने दोनों बेटों को लेकर पहुंचे थे. हेमंत सोरेन ने कहा कि रांची शहर की हरियाली धीरे-धीरे खत्म हो रही, इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. ईश्वर ने मनुष्यों को ताकत दी है, ऐसे में प्राकृतिक संसाधन के साथ ताल-मेल बनाकर विकास की दिशा तय करना होगा. अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि करम पर्व सदियों से चली आ रही झारखंड की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version