Jharkhand Foundation Day 2022: मंगन मुंडा के दाे पुत्र हाथी राम मुंडा और हरि मुंडा हुए थे शहीद

सइल रकब पर 9 जनवरी, 1900 काे बिरसा मुंडा के अनुयायियाें पर पुलिस ने जाे गाेलीबारी की थी, उसमें मारे गये लाेगाें की संख्या पर जाे भी विवाद हाे, लेकिन एक ऐतिहासिक जानकारी यह है कि इसमें गुटुहातु गांव के मंगन मुंडा के दाे पुत्राें हरि मुंडा और हाथी राम मुंडा शहीद हुए थे.

By Prabhat Khabar News Desk | November 15, 2022 8:43 AM
feature

सइल रकब पर 9 जनवरी, 1900 काे बिरसा मुंडा के अनुयायियाें पर पुलिस ने जाे गाेलीबारी की थी, उसमें मारे गये लाेगाें की संख्या पर जाे भी विवाद हाे, लेकिन एक ऐतिहासिक जानकारी यह है कि इसमें गुटुहातु गांव के मंगन मुंडा के दाे पुत्राें हरि मुंडा और हाथी राम मुंडा शहीद हुए थे. गुटुहातु गांव सइल रकब पहाड़ी के ठीक नीचे का गांव है. पुलिस ने जाे फायरिंग की थी, उसमें हरि मुंडा और हाथी राम मुंडा दाेनाें काे गाेली लगी थी. हरि मुंडा की तुरंत माैत हाे गयी थी और हाथी राम मुंडा गंभीर रूप से घायल थे.

कहा जाता है कि अंगरेजाें ने गंभीर रूप से घायल हाथी राम मुंडा काे पहाड़ी के नीचे तब दफना दिया था, जबकि उनकी सांसें चल रही थीं. बिरसा मुंडा के आंदाेलन के दाैरान कई मुंडाओं काे गाेली लगी थी, पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था, उनमें से कई की जेल में ही माैत हाे गयी थी.

हालांकि इसकी आधिकारिक सूची आज तक नहीं बन पायी है लेकिन ऐसे गुमनाम नायकाें में जिन लाेगाें के नाम प्रमुख ताैर पर लिये जाते हैं, उनमें डेमखानेल के धेरेया मुंडा, गया मुंडा (एटकेडीह), माल्का मुंडा, जनुमपिरी के नरसिंह मुंडा, पातर मुंडा और सांडे मुंडा, साेब्राय मुंडा, चक्रधरपुर के सुखराम मुंडा, कर्रा के डूना मुंडा, टेमना के मालका मुंडा, ताेरपा के मानदेव मुंडा, उलिहातू के सुगना मुंडा शामिल हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version