Jharkhand High Court: रांची, राणा प्रताप-झारखंड हाईकोर्ट ने दुमका में तीन साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में फांसी के सजायाफ्ता की अपील और फांसी की सजा कंफर्म करने को लेकर राज्य सरकार की अपील पर फैसला सुनाया. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस संजय प्रसाद की खंडपीठ ने रोहित राय की फांसी की सजा उम्रकैद में बदल दी. खंडपीठ ने घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी का नहीं मानते हुए उम्रकैद में बदलने का फैसला सुनाया.
रोहित राय में सुधार की संभावना, आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं-खंडपीठ
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा है कि सजायाफ्ता रोहित राय के सुधार की संभावना और किसी भी आपराधिक पृष्ठभूमि के अभाव में वर्तमान अपीलकर्ता का मामला दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में नहीं आता है. इसलिए मृत्युदंड को आजीवन कठोर कारावास में परिवर्तित किया जाता है. अपीलकर्ता पर लगायी गयी सजा में संशोधन के साथ उसकी अपील खारिज की जाती है. इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता रोहित राय की ओर से फांसी की सजा को निरस्त करने का आग्रह किया गया था, जबकि राज्य सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक विनीत कुमार वशिष्ठ ने अपीलकर्ता की दलील का विरोध करते हुए खंडपीठ से फांसी की सजा को कंफर्म करने का आग्रह किया था.
चॉकलेट दिलाने के बहाने बच्ची को घर से ले गया था-रोहित राय
दुमका के सरैयाहाट क्षेत्र में एक जनवरी 2017 को तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या क दी गयी थी. उस दिन बच्ची जब गायब हो गयी, तो उसकी खोजबीन शुरू हुई थी. इस दौरान कुछ लोगों ने बताया कि उसने रोहित राय को बच्ची को गोद में लेकर जाते देखा है. खोजबीन करने पर रोहित भी घर से गायब मिला. दो जनवरी को बच्ची के नाना ने थाने में सूचना दी. पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी, तो रोहित राय नहीं मिला. तीन जनवरी को पुलिस ने रोहित को बिहार के श्याम बाजार से गिरफ्तार किया था. उसने पुलिस को बताया कि तीन साल की बच्ची को चॉकलेट दिलाने के बहाने घर से ले गया था. उसके साथ दुष्कर्म किया और गला दबा कर हत्या कर दी. शव को छिपा दिया. उसकी निशानदेही पर गांव के समीप खेत से बच्ची का शव बरामद किया गया था.
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