निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद ढुलू महतो ने हाइकोर्ट की शरण ली थी. पिछली तारीख पर जस्टिस आर मुखोपाध्याय ने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और फैसला सुरक्षित रख लिया. उस दिन ढुलू महतो के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल को साजिश के तहत फंसाया गया है. राजनीति द्वेष के चलते उनके खिलाफ कई मुकदमे किये गये हैं.
वहीं, झारखंड सरकार ने कोर्ट में कहा कि विधायक के खिलाफ 34 से अधिक मामले दर्ज हैं. विधायक ढुलू महतो 11 मई, 2020 से धनबाद जेल में बंद हैं. सभी मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है. सिर्फ कतरास की एक महिला नेता से बलात्कार की कोशिश करने और दुष्कर्म के मामले में जमानत नहीं मिली थी. झारखंड हाइकोर्ट से उन्हें दुष्कर्म मामले में भी जमानत मिल गयी है.
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इसके साथ ही भाजपा विधायक के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. ज्ञात हो कि धनबाद जिला भाजपा की पूर्व महिला पदाधिकारी ने अपनी ही पार्टी के बाघमारा के विधायक ढुलू महतो पर उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. महिला नेता का कहना है कि विधायक ने उन पर केस वापस लेने का दबाव बनाया है. ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी है.
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई और माननीय न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया. अदालत ने विधायक ढुलू महतो को भाजपा महिला नेता के यौन शोषण मामले में जमानत की सुविधा प्रदान कर दी.
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Posted By : Mithilesh Jha