राज्य के 24 जिलों में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना की जायेगी. वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के तहत यह लैब बनेगा. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने राज्य के 12 सदर अस्पताल में लैब खोलने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है. राज्य के अलग-अलग जिलों के सदर अस्पताल में लैब की स्थापना को लेकर लगभग 19 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है. योजना का कार्यान्वयन पीएम आयुष्मान भारत मिशन के अधीन भारत सरकार एवं राज्य सरकार के बीच किये गये एमओयू के तहत होगा. लैब बनने से मरीजों को पैथोलॉजिकल जांच कराने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. 2026 तक सभी लैब को चालू कर लेने का निर्देश है. इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब में संचारी और गैर संचारी रोगों से जुड़ी जांच होगी. इस प्रयोगशाला में सभी प्रोग्राम के लैब टेक्नीशियन एक ही जगह काम करेंगे. लैब शुरू होने के बाद टीबी, मलेरिया, एड्स, पैथोलॉजी समेत अन्य बीमारियों की जांच की सुविधा मिलेगी. इसमें लैब टेक्नीशियन, माइक्रो बायोलॉजिस्ट, बॉयोकेमिस्ट के साथ पैथोलॉजिस्ट की तैनाती की जायेगी.
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