झारखंड शराब घोटाले में ईडी ने माफिया योगेंद्र तिवारी को किया अरेस्ट, आज पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में पेशी
ईडी ने शराब घोटाले में पूछताछ के लिए योगेंद्र तिवारी को बुलाया था. ईडी के समन के आलोक में वह सुबह 11 बजे रांची स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा. दिनभर चली गहन पूछताछ के बाद ईडी ने शाम करीब 7 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने जांच के दौरान 40 करोड़ रुपये की मनी लाउंड्रिंग के सबूत जुटाये हैं.
By Prabhat Khabar News Desk | October 20, 2023 6:13 AM
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में हुए शराब घोटाले में करीब 40 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग के आरोप में शराब माफिया योगेंद्र तिवारी को गुरुवार देर शाम करीब 7.15 बजे गिरफ्तार कर लिया. योगेंद्र पर ईडी के अधिकारियों की जासूसी कराये जाने का भी आरोप है. ईडी 20 अक्तूबर को योगेंद्र को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश करेगी. इसके साथ ही आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने के लिए आवेदन देगी. ईडी वर्ष 2022-23 में शराब के कारोबार से जुड़े मामलों की भी जांच साथ-साथ कर रही है. 2022-23 में छत्तीसगढ़ की कंपनियों को सलाहकार बनाया गया था. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में शराब के व्यापार के लिए होलोग्राम छापनेवाली कंपनी को ही झारखंड में भी काम दिया गया था. ईडी छत्तीसगढ़ में भी शराब घोटाले की जांच कर रही है. योगेंद्र तिवारी प्रेम प्रकाश का भी करीबी है. प्रेम प्रकाश अभी जेल में है.
शराब घोटाले में पूछताछ के लिए योगेंद्र तिवारी को बुलाया गया था
ईडी ने शराब घोटाले में पूछताछ के लिए योगेंद्र तिवारी को बुलाया था. ईडी के समन के आलोक में वह दिन के करीब 11:00 बजे रांची स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा. दिनभर चली गहन पूछताछ के बाद ईडी ने शाम करीब 7:00 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने शराब घोटाले की जांच के दौरान योगेंद्र तिवारी द्वारा 40 करोड़ रुपये की मनी लाउंड्रिंग के सबूत जुटाये हैं. योगेंद्र तिवारी और उनसे संबंधित लोगों द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य में शराब के व्यापार में इस राशि का निवेश किया गया था. यह रकम बालू, जमीन सहित अन्य कारोबार से अवैध तरीके से जुटाये गये थे. इसमें से करीब छह-सात करोड़ का निवेश योगेंद्र और उनसे जुड़ी कंपनियों में किया गया था, जबकि शेष रकम को कोलकाता की शेल कंपनियों के माध्यम से शराब के ठेके से जुड़ी कंपनियों में निवेश किया गया था.
योगेंद्र तिवारी ने अपनी कंपनियों व दूसरी कंपनियों के साथ मिल कर एक ग्रुप बनाया था. साथ ही इन्हीं कंपनियों के सहारे राज्य के 19 जिलों में शराब के व्यापार पर एकाधिकार कायम कर लिया था. इन सभी कंपनियों के लिए बैंक ड्राफ्ट एक ही जिले और बैंक की शाखा से बनाये गये थे. पूछताछ के दौरान योगेंद्र तिवारी एक जगह से बैंक ड्राफ्ट बनाने के कारणों का कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके. साथ ही ड्राफ्ट बनाने के लिए इस्तेमाल किये गये रुपयों के वैध स्रोत की जानकारी नहीं दे सके. शराब घोटाले की जांच के दौरान इडी इससे पहले योगेंद्र तिवारी और उसके भाई अमरेंद्र तिवारी से पूछताछ कर चुका है. इडी ने शराब कारोबार से जुड़े 50 से अधिक लोगों से पूछताछ और मिले साक्ष्यों के आधार पर योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया है.
ईडी ने शराब कारोबार से जुड़े 33 लोगों के ठिकानों पर की थी छापेमारी
ईडी ने शराब घोटाले की जांच के लिए राज्य के विभिन्न जिलों के शराब, बालू, जमीन आदि के मामले में गड़बड़ी के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर इसीआइआर दर्ज की थी. इसीआइआर दर्ज करने के बाद इडी ने 23 अगस्त 2023 को राज्य योगेंद्र तिवारी सहित शराब के कारोबार से जुड़े कुल 33 लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था. इसी क्रम में इडी ने राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के घर पर भी छापा मारा था. मंत्री के घर पर छापामारी के लिए उनके पुत्र रोहित उरांव द्वारा शराब के व्यापार में पैसा निवेश करने और मंत्री के साथ ही रहने का आधार बनाया गया था.