Table of Contents
- बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर एरिया
- झारखंड के दक्षिणी हिस्से में वर्षा की संभावना
- 4 दिन तक अधिकतम तापमान में बदलाव की संभावना नहीं
- खेरसेमा में हुई सबसे अधिक 45.6 मिमी बारिश
- झारखंड में देवघर का अधिकतम तापमान सबसे अधिक
- आंध्रप्रदेश के तटवर्ती इलाकों की ओर बढ़ेगा लो प्रेशर
- झारखंड के अधिकतर हिस्से से लौट गया मानसून
Jharkhand Weather Today: झारखंड के अधिकतर हिस्से से मानसून की वापसी हो चुकी है. वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात यानी साइक्लोनिक सर्कुलेशन उठा है, जो निम्न दबाव में तब्दील हो रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी है.
बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर एरिया
मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात की वजह से लो प्रेशर एरिया बना है. इसका आंशिक असर झारखंड के मौसम पर पड़ सकता है. हालांकि, सोमवार (14 अक्टूबर) को आसमान साफ और मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन 15 अक्टूबर को राज्य के दक्षिणी भाग में वर्षा होने की संभावना है.
झारखंड के दक्षिणी हिस्से में वर्षा की संभावना
रांची स्थित मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) को बताया कि सोमवार को आसमान में सामान्यत: बादल छाए रहेंगे. झारखंड के दक्षिणी हिस्से (पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा जिले) में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है.
4 दिन तक अधिकतम तापमान में बदलाव की संभावना नहीं
अभिषेक आनंद ने साथ ही यह भी कहा कि अगले 4 दिन तक झारखंड के अधिकतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछले 24 घंटे के दौरान कहीं-कहीं बहुत हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हुई.
खेरसेमा में हुई सबसे अधिक 45.6 मिमी बारिश
मौसम विभाग ने बताया कि सरायकेला-खरसावां जिले के खेरसेमा में सबसे अधिक 45.6 मिलीमीटर वर्षा इस दौरान रिकॉर्ड की गई. गुमला के बिशुनपुर में भी बहुत हल्की बारिश हुई. यहां का वर्षापात 0.5 मिलीमीटर दर्ज किया गया.
झारखंड में देवघर का अधिकतम तापमान सबसे अधिक
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि बाबानगरी देवघर का अधिकतम तापमान झारखंड में सबसे अधिक रहा. देवघर में उच्चतम तापमान 36.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं, राजधानी रांची के मौसम केंद्र में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया, जो 21 डिग्री रहा.
आंध्रप्रदेश के तटवर्ती इलाकों की ओर बढ़ेगा लो प्रेशर
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से और उससे सटे हिंद महासागर में उठे चक्रवात के असर से बंगाल की खाड़़ी के मध्य हिस्से में लो प्रेशर एरिया (निम्न दबाव का क्षेत्र) बना है. यह 48 घंटे बाद तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे आंध्रप्रदेश के तटवर्ती क्षेत्र की ओर बढ़ जाएगा.
झारखंड के अधिकतर हिस्से से लौट गया मानसून
मौसम वैज्ञानिक ने यह भी बताया कि झारखंड के अधिकतर हिस्सों से मानसून की वापसी हो चुकी है. वहीं, बिहार से दक्षिणी-पश्चिमी पूरी तरह से विदा हो चुका है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, के अधिकतर हिस्सों के साथ-साथ ओडिशा के अधिकतर भागों से मानसून की विदाई हो चुकी है. उन्होंने कहा कि मौसम की नजर से झारखंड में कोई खास सिनॉप्टिक सिस्टम नहीं दिख रहा है.
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