शिक्षा विभाग ने प्रमाण पत्र की जांच के लिए देवघर डीसी को भेजा
ऑडियो में महिला द्वारा उससे यह पूछे जाने पर कि आप योगेंद्र बोल रहे हैं, वह कहता है कि हां मैं योगेंद्र बोल रहा हूं. महिला ने जब उससे पूछा कि आप बोल और सुन सकते हैं, तो फिर मूकबधिर का आरक्षण लेकर नौकरी कैसे ली, इस पर उसने कोई जवाब नहीं दिया. विभाग को जब इसकी जानकारी मिली तो उसने जेएसएससी से उसके बारे में पूछा. आयोग ने कहा कि योगेंद्र की नियुक्ति मूकबधिर श्रेणी में हुई है. इसके बाद शिक्षा विभाग ने उसके प्रमाण पत्र को जांच के लिए देवघर डीसी को भेज दिया है.
प्रमाण पत्र की जांच के बाद जारी किया जाता है रिजल्ट
प्रमाण पत्र की जांच के बाद आयोग द्वारा फाइनल रिजल्ट जारी किया जाता है. आयोग द्वारा नियुक्ति के लिए अनुशंसित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र के मूल प्रमाण पत्र की जांच फिर शिक्षा विभाग द्वारा की जाती है. फिर नियुक्ति पत्र वितरित किया जाता है. शिक्षक के योगदान देने के बाद प्रमाण पत्र का अंतिम सत्यापन होता है. जिसमें प्रमाण पत्र जारी करनेवाले संस्थान व कार्यालय से सत्यापन कराया जाता है.
जांच के बाद होगी कार्रवाई :
विभाग ने देवघर डीसी को मामले की जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है. सिविल सर्जन की अध्यक्षता में गठित मेडिकल टीम द्वारा अभ्यर्थी की दिव्यांगता की जांच की जायेगी.
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