Mangoes In Ranchi Market: रांची-रांची में आंध्र प्रदेश सहित दक्षिणी और दूसरे राज्यों से विभिन्न किस्मों के आम बाजार में पहुंचे हैं, जिनमें गुलाब खास, बेगन फुली, कोकिन, तोता परी, हिमसागर और दशहरी की खूब मांग है. बिहार, बंगाल सहित यूपी के आम भी पहुंचने लगे हैं. शीघ्र ही बंगाल के मालदा और भागलपुर के आम की धूम मचेगी. फिलहाल आंध्र प्रदेश के आम बाजार में ज्यादा बिक रहे हैं.
रोजाना 150 टन आम आ रहे बाजार में
हरमू फल मंडी के हाजी मोहम्मद आफताब, मोहम्मद शहबाद (उर्फ मोनू भाई) एंड ब्रदर्स नाम के थोक विक्रेता इन दिनों आंध्र प्रदेश से आये आम का कारोबार कर रहे हैं. वर्षों से कारोबार चला रहे मोनू भाई बताते हैं कि इस समय दक्षिण के राज्यों के आम बिक रहे हैं. दक्षिण में आम की पैदावार पड़ोसी राज्यों से पहले हो जाती है. इसके बाद बंगाल, भागलपुर, ओडिशा और फिर यूपी के आम आते हैं. करीब 100 से 150 टन आम प्रतिदिन बाजार में आ रहे हैं. प्रतिदिन 10-15 गाड़ियों में आम यहां पहुंच रहा है. एक गाड़ी में 10 से 15 टन आम आता है. उन्होंने बताया कि विक्रेताओं को ऑनलाइन डिलीवरी भी करते हैं. इधर, 12 सालों से फल बेच रहे खुदरा विक्रेता गौतम पासवान बताते हैं कि बाजार में लंगड़ा आम की ज्यादा मांग है. मैं हरमू और डेली मार्केट मंडी से 70 रुपये किलो खरीदकर बाजार में 90-100 रुपये प्रति किलो आम बेचता हूं.
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झारखंड के कई जिलों से बाजार में आया है कच्चा आम
इन दिनों बाजार में कच्चे आम की भी खूब बिक्री हो रही है. झारखंड के सिमडेगा, गुमला, खूंटी, तोरपा, इटकी, हजारीबाग जैसे जिलों से आम आ रहे हैं. बाजार में कच्चा आम 20-30 रुपये किलो बिक रहा है. सीजन शुरू होने के समय किसानों को अच्छे दाम मिल रहे थे, लेकिन अब कीमत में गिरावट आयी है.
मौसम खराब हुआ, तो दो क्विंटल आम फेंकना पड़ा
नीतीश कुमार छह साल से कच्चे आम का कारोबार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि टाटा रोड, चतरा, दुमका से आम खरीदता हूं. 30 से 40 रुपये किलो आम बेच रहा हूं. दो दिन में न बिके, तो आम पीले हो जाते हैं. पिछले दिनों मौसम खराब हुआ, तो दो क्विंवटल आम फेंकना पड़ा. आचार के लिए कोई पका आम नहीं लेता नहीं है.
प्रस्तुति : सोमा रानी कुंडू और राहुल कुमार
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