सिल्ली. सिल्ली-मुरी एवं आसपास क्षेत्रों में शनिवार को मां विपत्तारिणी की पूजा धूमधाम से की गयी. सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं की भीड़ लगी रही. सिल्ली बाजार स्थित काली मंदिर, पंडित दिनेश बनर्जी के आवासीय परिसर, लुपुंगटोला काली मंदिर, महावीर चौक दुर्गा मंदिर पर तथा अन्य कई जगहों पर सामूहिक रूप से पूजा का आयोजन किया गया. व्रतियों ने उपवास रख कर ने मां विपत्तारिणी की पूजा-अर्चना की. परिवार में आने वाले हर संकट को टालने के लिए मां से प्रार्थना की. इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगा कर विपत्तारिणी पूजा की शुभकामनाएं भी दी. व्रतियों ने बताया कि इस पूजा में 13 संख्या का विशेष महत्व है. इसलिए पूजा के दौरान 13 प्रकार के फल, 13 प्रकार के फूल, 13 प्रकार के मिष्ठान्न मां को अर्पित किए जाते हैं. पूजा के बाद पूजित लाल रंग का धागा कलाई या बांह में बांधने के साथ ही पूजा संपन्न होती है. धागे पर भी 13 गांठ लगाये जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि यह धागा एक रक्षा कवच है. इसे कलाई या बांह में बांध कर रखने से हर प्रकार की विपदा से मां रक्षा करती है. विपत्तारिणी पूजा हर वर्ष आषाढ़ मास के शनिवार तथा मंगलवार को की जाती है
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