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क्यों नहीं हो पा रहा म्यूटेशन
बताया गया कि म्यूटेशन नहीं होने की वजह है जमीन का लीज होल्ड होना. एचईसी ने रांची स्मार्ट सिटी को जब जमीन दी, तो उसकी फ्री होल्ड रजिस्ट्री की गयी. लेकिन, इससे पहले एचईसी के लिए जो जमीन अधिग्रहित है, वो लीज होल्ड है और लीज होल्ड जमीन का म्यूटेशन नहीं होता है. यही कारण है कि एचईसी द्वारा भूमि अधिग्रहण के बाद संबंधित जमीन का म्यूटेशन नहीं कराया गया. हालांकि, अब एचईसी ने इस जमीन का स्वामित्व रांची स्मार्ट सिटी को सौंप दिया है. ऐसे में अब नीलामी के बाद जमीन के फ्री होल्ड रजिस्ट्री की जरूरत पड़ी है. इस स्थिति में संबंधित जमीन का पहले एचईसी, इसके बाद नगर विकास विभाग और फिर रांची स्मार्ट सिटी के नाम पर म्यूटेशन होगा. इसके बाद ही इस पर बने फ्लैट की खरीद-बिक्री हो पाएगी और पूरा मामला सुलझ सकता है. जिला प्रशासन ने विभाग से इस प्रक्रिया के संबंध में मार्गदर्शन मांगा है.
जल्द कराएं 88 एकड़ भूमि का म्यूटेशन- मंत्री सुदिव्य सोनू
इधर, नगर विकास मंत्री सुदिव्य सोनू ने अधिकारियों को रांची स्मार्ट सिटी में आवासीय उपयोग के लिए चिह्नित करीब 88 एकड़ भूमि का जल्द म्यूटेशन कराने का निर्देश दिया है. जानकारी के मुताबिक, आवासीय प्रयोग के लिए चिह्नित 88 एकड़ जमीन में से लगभग 50 एकड़ जमीन निवेशकों को नीलाम कर दी गई है. साथ ही फ्री होल्ड पर जमीन निवेशकों को आवंटित की गयी है. ऐसे में जमीन का म्यूटेशन निवेशकों के नाम से होना जरूरी है. इस कारण मंत्री सुदिव्य सोनू ने अधिकारियों को समन्वय बना कर आवासीय इस्तेमाल की भूमि का म्यूटेशन कराने का निर्देश दिया है.
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