“परमहंस योगानंद जी बहुत पहले से ही शिक्षा के महत्व को जानते थे. वह कहते थे बच्चें कल के भविष्य हैं. उनका भविष्य सुरक्षित रखकर हम देश का भविष्य बना सकते है, जो हमारे हाथ में है. इसलिए उन्होंने 1917 में योगदा सत्संग महाविद्यालय की स्थापना की थी.” उक्त बातें वाईएसएस/एसआरएफ के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानन्द गिरि ने रविवार को कहीं. जब वह योगदा सत्संग महाविद्यालय में नवनिर्मित दो भवनों का उद्घाटन करने पहुंचे थे.
भवन के निर्माण में भारत सरकार की तरफ से 8 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता की गई है. कार्यक्रम की शुरूआत में नवनिर्मित हॉल का उद्घाटन किया गया. हॉल मल्टीपर्पस हॉल में एक साथ 1 हजार छात्र बैठ सकते हैं. हॉल के उद्घाटन के बाद मंच से संबोधित करते हुए आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानन्द गिरि ने कहा कि आज मुझे यहां सभी के बीच आकर बहुत खुशी हो रही है. जब मैं इस हॉल में आया तो मुझे आध्यात्म की अनुभूति हुई. आप सब भी यकीनन यह अनुभूति प्राप्त कर सकते हैं.
भवन की विशेषता बताते हुए योगदा संत्संग सोसाइटी के जनरल सेक्रेटरी स्वामी इश्वरानंद जी ने कहा कि यह भवन का निर्माण गुरूकुल की तर्ज पर किया गया है. नए भवन में कुल 24 कक्षाओं का निर्माण किया गया है. हर कक्षा को अष्टभुज का आकार दिया गया है. ताकि छात्रों का ध्यान सीधे बोर्ड की तरफ हो सके. यहां पढ़ाई के लिए खुले वातावरण का भी इस्तेमाल किया जायेगा. ताकि बच्चों का हर तरफ से विकास हो सके. स्वामी इश्वरानंद जी बताते हैं कि भवन का निर्माण कार्य 2019 में ही शुरू हो गया था.
चाईबासा के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में आज होगा बड़ा फैसला
Shibu Soren Funeral PHOTOS: पिता को अंतिम विदाई देते हुए फफक पड़े सीएम हेमंत सोरेन, देखिए रुला देने वाली वो 10 तस्वीरें
शिक्षा मंत्री की हालत नाजुक, विश्व आदिवासी दिवस पर होने वाला कार्यक्रम स्थगित
Ranchi News : वसुंधरा अपार्टमेंट हेसाग में सावन मिलन समारोह