करीब 17 हजार करोड़ रुपये इसमें जमा है. इसे भारत सरकार से वापस लेना होगा. ऐसे में वित्त विभाग के अधिकारी भी लगातार लगे हुए हैं कि इस राशि को कैसे प्राप्त किया जायेगा. अगर राशि नहीं मिली, तो न्यायालय की शरण कैसे ली जायेगी, इन सारे मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. मुख्यमंत्री ने सरकारी सेवकों के समक्ष यह घोषणा की है कि 15 अगस्त तक पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी जायेगी.
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क्या है पुरानी पेंशन योजना
ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी को उसके मूल वेतन का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है. इसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शामिल होता है. साथ ही डीए भी शामिल होता है. आम कर्मचारियों की तरह की पेंशनधारियों को भी हर छह माह में डीए में होने वाले बदलाव का लाभ मिलता है. इसके साथ ही पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का लाभ मिलता है.
पेंशनधारी के 80 वर्ष उम्र होने पर मूल पेंशन का 20 फीसदी बढ़ोत्तरी होता है. जो 85 साल होने पर 30 फीसदी, 90 साल होने पर 40 फीसदी, 95 साल होने पर 50 फीसदी और 100 साल होने पर 100 फीसदी बढ़ता है. स्पष्ट शब्दों में कहें तो पेंशनधारक की उम्र 100 होने पर पेंशन दोगुना हो जाता है.
1 लाख 35 हजार कर्मचारियों को मिलेगा इसका लाभ
ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने के बाद लगभग सवा लाख कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. संभावित आंकड़े की मानें तो राज्य में 1 लाख 95 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इसमें से 1 लाख 35 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो नई पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं. राज्य सरकार अगर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करती है, तो 1 लाख 35 हजार कर्मचारी इस दायरे में आयेंगे. बताते चलें कि झारखंड में साल 2004 से नई पेंशन स्कीम को लागू किया गया है.
Posted By: Sameer Oraon