इस नीति में राज्य सरकार ने पारसनाथ को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चिह्नित किया है. झारखंड के वैसे धार्मिक स्थल जो राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखते हैं, उसके विकास को लेकर नीति बनायी गयी है. इन धार्मिक स्थल के संरक्षण व पवित्रता की बात कही गयी है.
इसमें बाबा बैजनाथ धाम भी शामिल है. जैनियों के पवित्र धर्मस्थल पारसनाथ का भी उल्लेख है. धार्मिक स्थलों की सूची में राज्य सरकार ने रजरप्पा, मां भद्रकाली जैसे धार्मिक स्थलों को भी चिह्नित किया है. अभी पारसनाथ को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध हो रहा है. राज्य सरकार की पर्यटन नीति से विवाद का रास्ता सुलझ सकता है.
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क्या है नयी पर्यटन नीति में
पर्यटन नीति में सरकार ने कहा है कि इन धार्मिक स्थलों में नागरिक सुविधाएं बहाल की जायेंगी. शौचालय, पेयजल और कचड़ा निस्तारण की व्यवस्था होगी. पर्व-त्योहार और धार्मिक स्थलों में होनेवाले आयोजन में सुरक्षा की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. विशेष सुरक्षा बल की भी तैनाती होगी. नयी पर्यटन नीति में राज्य सरकार ने कहा है कि पारसनाथ, मधुवन और इटखोरी को धार्मिक टूरिज्म के सर्किट के रूप में विकसित किया जायेगा.