EXCLUSIVE: भारत का एक ऐसा नगर जहां 55 देशों के लोग बसते हैं, 130 देश की मिट्टी से बना है मातृ मंदिर, PICS

उपनिवेशवाद से इतर पुडुचेरी मानवीय एकता की आदर्श भूमि भी है. पुडुचेरी से 8 किलोमीटर दूर तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिला में घने जंगल के बीच बसा ऑरोविल मानवता की भूमि है. यहां जैसे पूरी दुनिया बसती है. यहां 55 देशों के 5,000 से ज्यादा लोग रहते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2023 12:16 PM
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पुडुचेरी से लौटकर आनंद मोहन: उपनिवेशवाद का चेहरा है पुडुचेरी (पुदुचेरी). तीन सौ वर्षों तक यह फ्रांसिसी उपनिवेश रहा. वर्तमान में केंद्रशासित प्रदेश है. पाश्चात्य वास्तुशिल्प और यूरोपियन शक्ल-सूरत के साथ भारतीय अध्यात्म व दर्शन के केंद्र के रूप में निखर रहा है पुडुचेरी. छोटे शहर के बीच गुजरता एक नहर (कैनल) उपनिवेशवाद की टीस की तरह जरूर है, जिसके एक तरफ कामगार तमिल और दूसरी तरफ फ्रांसिसी रहते थे़ दिन में भारतीय कामगार कनाल पार करके फ्रांसिसी कॉलोनी में काम करने जाते थे़. अब वह अतीत का हिस्सा है.

दूसरी ओर, उपनिवेशवाद से इतर पुडुचेरी मानवीय एकता की आदर्श भूमि भी है़ पुडुचेरी से 8 किलोमीटर दूर तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिला में घने जंगल के बीच बसा ऑरोविल मानवता की भूमि है़ यहां जैसे पूरी दुनिया बसती है़ यहां 55 देशों के 5,000 से ज्यादा लोग रहते हैं. पुडुचेरी को जब वर्ष 1954 में फ्रांसिसियों ने मुक्त किया, तो हजारों फ्रांसिसी यहीं के होकर रह गये़ हजारों लोग यहां की माटी में रच-बस गये़ ऑरोविल में फ्रांस, डच, ब्रिटिश, रूसी के साथ-साथ यूक्रेन, पुर्तगाल और जर्मनी के भी हजारों लोग रहते हैं.

मानवता की इस जमीन को ऋषि, दार्शनिक, चिंतक, स्वतंत्रता सेनानी योगी अरविंदो घोष ने अपने विचारों से सींचा है़ मनीषी अरविंदों घोष की सहयोगी मीरा अल्फासा, जिनको द मदर भी कहते हैं, ने इस ऑरोविल नामक टाउनशिप को मानवता व अध्यात्म का केंद्र बनाया था. उनकी सोच थी कि भारत पूरी दुनिया की सरजमीं बने़ वर्ष 1968 में यह टाउनशिप बसना शुरू हुआ. यहां विभिन्न देशों के लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं.

ऑरोविल यात्रा के क्रम में रांची के नामकुम के सिविल इंजीनियर भरत ऑरोविल में मिले़ वह एक फ्रांसीसी बुजुर्ग के घर पर रहते हैं. भरत ने ऑरोविल को समझने-बूझने में मदद की़ वह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं. भरत ने ऑरोविल की व्यवस्था और जीवनयापन से लेकर हर पहलू की जानकारी दी़ आज जब दुनिया युद्ध के मुहाने पर है़ रूस और यूक्रेन जंग के मैदान बन गये हैं, वैसे वक्त में रूस और यूक्रेन का एक दंपती यहां शांति से रह रहा है़ रांची के भरत उनके पड़ोसी है़ं भरत ने बताया कि ऑरोविल के लिए शांति ध्येय है़ यहां जैविक खेती होती है. टाउनशिप की अपनी व्यवस्था है.

पुडुचेरी में पर्यावरण को लेकर सब सचेत हैं. यहां के भवन इको-फ्रेंडली बनाये गये हैं. प्राकृतिक संसाधानों से छेड़छाड की अनुमति किसी को नहीं है़ शिल्पकला, पेंटिंग और अध्यात्म से लेकर ऊर्जा के नवीकरण पर काम होता है़ सोलर सिस्टम का पुख्ता इंतजाम है़ प्रकृति से गलबहियां कर यह टाउनशिप चलता है़ पाश्चात्य रहवासियों के बीच अरविंदो सोसाइटी का अध्यात्म घुला-मिला है़ ऑरोविल का मातृ मंदिर 130 देशों की मिट्टी से बना है़ सुनहरे ध्यान केंद्र में देश-दुनिया के लोग शांति की तलाश में आते हैं.

केंद्रशासित पुडुचेरी में चार जिले हैं. यह भारत का ऐसा पहला राज्य है, जिसके चार जिले तीन अलग-अलग राज्यों में स्थित हैं. केंद्रशासित पुडुचेरी के पुडुचेरी व कराइकल जिले तमिलनाडु में हैं. एक जिला यानम आंध्र प्रदेश में है़ माहे नामक जिला केरल में है. विविधता से भरे इस केंद्रशासित प्रदेश की बहुआयामी संस्कृति है. हर जिले में भाषा और संस्कृति भले ही बदल जाती है, लेकिन भारतीयता का भाव एक है.

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