शिक्षा के मामले में दक्षिण के राज्य हमसे आगे
उन्होंने कहा कि हमारे देश में हिंदी पट्टी के राज्यों की तुलना में दक्षिण के राज्य बेहतर कर रहे हैं. उन राज्यों में हिंदी पट्टी के बच्चे पढ़ाई करने जाते हैं. हमें पढ़ाई को लेकर चिंतन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमे अच्छे संस्थान को लेकर सोचना होगा. पढ़ाई में तकनीक के प्रवेश पर कहा कि अब पढ़ाई में टेक्नोलॉजी का प्रवेश हो गया है, जिसने हमें प्रभावित किया है. खास करके 12वीं के बच्चे मोबाइल में होते हैं.
मोबाइल का नियंत्रित इस्तेमाल करना सीखें
उन्होंने कहा कि पेरेंट्स की शिकायत रहती है कि बच्चे मोबाइल में उलझे रहते हैं. मोबाइल बच्चों के भटकाव का कारण भी बन गया है. तकनीक के साथ हम कैसे बैलेंस करें, हमें यह सीखना होगा. शिक्षकों की भूमिका बच्चों के विकास में होती है. पर अब उनके सम्मान में कमी आयी है. श्री चतुर्वेदी ने कहा कि शिक्षा, स्कूल, तकनीक, शिक्षक ये सभी कैसे बैलेंस हों, इस पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि बच्चे मोबाइल का नियंत्रित इस्तेमाल करना सीखें. आप सभी ऊंचाइयां हासिल करें, ऐसी मेरी कामना है.
हमेशा पॉजिटिव सोचें, तकनीक का पॉजिटिव उपयोग करें: आरके दत्ता
प्रभात खबर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरके दत्ता ने कहा कि हमने प्रतिभा समान की शुरुआत वर्ष 2004 में की थी. हम झारखंड के 24, बिहार के 38 और पश्चिम बंगाल के 5 जिलों में बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. हर साल लगभग 50 हजार बच्चों को सम्मानित करते हैं. श्री दत्ता ने कहा कि आज बहुत स्कोप है. पहले ऐसा नहीं था. आप अपनी लगन और मेहनत के साथ टेक्नोलॉजी को एडॉप्ट करते हुए बेहतर करें. हमेशा पॉजिटिव सोचें और तकनीक का पॉजिटिव उपयोग करें.
जहां भी जाएं, मातृभूमि के लिए जरूर काम करें
प्रभात खबर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरके दत्ता ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं टॉपर्स के साथ हूं. आपने शानदार शुरुआत की है. आप किसी क्लास में हों, किसी बोर्ड से हों, मैं कहना चाहता हूं कि तकनीक और शिक्षा दोनों को साथ लेकर चलना होगा. आपको अपने परिवार का नाम रोशन करना है. आप किसी भी स्ट्रीम से होंगे, यहां लेकिन एक चीज का ध्यान रखें कि आप जहां भी जाएं मातृभूमि के लिए जरूर काम करें. खासकर आप रांची के लिए सोचें. उन्होंने स्पांसर्स का आभार व्यक्त किया.